सावधान! 143 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता परीक्षण में फेल, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इनका सेवन
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ड्रग अलर्ट जारी किया है जिसमें 143 दवाइयों के नमूने गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे। इनमें हिमाचल प्रदेश में निर्मित 61 दवाएं शामिल हैं जिनमें हृदय रोगियों के लिए प्रयुक्त दवाएं भी हैं। नकली दवाएं जो कंपनी के नाम की नकल करके बनाई गई हैं भी जब्त की जा रही हैं।
सुनील शर्मा, सोलन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से गुरुवार को जारी ड्रग अलर्ट में देशभर की 143 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे हैं। इसमें हिमाचल में बनी 61 दवाएं खराब निकली हैं। इनमें दिल के मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी शामिल हैं। गंभीर बीमारियों से जुड़ी आठ नकली दवाओं का भी अलर्ट जारी किया है।
नकली दवाएं कंपनी के नाम की नकल कर बनाई गई हैं। सीडीएससीओ और राज्य नियामक एजेंसियां बाजार से इन नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवाओं को हटाने में जुट गई हैं। इसमें दिल की बीमारी सहित एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाओं सहित अन्य दवाएं शामिल हैं।
उत्तराखंड के सर्व फार्मास्यूटिकल उद्योग में हाई बीपी व दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाली दवा मीटोप्रोलोल ससिनेट और एम्लोडिपाइन बेसिलेट का बैच नंबर 77बीजी06 का सैंपल फेल हुआ है।
उत्तराखंड के स्काई मैप फार्मा
स्यूटिकल उद्योग में शुगर टाइप दो को नियंत्रित करने वाली पायोग्लीटाजोन हाइड्रोक्लोराइड बैच नंबर एसपीए250363 गुणवत्ता पर सही नहीं मिली। इसी उद्योग की दिल व बीपी के लिए बनाई अटेनोआन दवा बैच नंबर एसपीए241386 फेल हुई है। उत्तराखंड के यूनाइटिड बायोस्यूटिकल्स में अस्थमा, सूजन व कैंसर के उपचार के लिए उपयोग होने वाली डेक्सामिथासोन दवा बैच नंबर टी242704 का सैंपल फेल हुआ है।
हिमाचल के बद्दी स्थित मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंसिज की सांस की दिक्कत व अस्थमा के लिए बनी दवा एमिनोफिलाइन इंजेक्शन बैच नंबर एमए24जी125 में धूल व मिट्टी के कण मिले हैं। हिमाचल की 61 दवाएं गुणवत्ता की कसौटी पर फेल सीडीएससीओ के अलर्ट में हिमाचल की सर्वाधिक 61 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं।
उत्तराखंड की 24, गुजरात की 10, हरियाणा व मध्य प्रदेश की आठ-आठ, पंजाब की पांच, तेलंगाना की चार, कोलकाता व जम्मू-कश्मीर की तीन-तीन, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान की दो-दो, बिहार व गोवा की एक-एक दवा शामिल है। अन्य दवाएं पूर्वोत्तर राज्यों की हैं।
इन दवाओं के सैंपल भी हुए फेल
उर्सोडिआक्सीकोलिक एसिड, नारएपिनेफ्रिन बिटारटेट इंजेक्शन, अट्रोपाइन सल्फेट इंजेक्शन, क्लोपिरास 75 टैबलेट, माइग्रेनएप-डी, पैरोक्सेटीन हाइड्रोक्लोराइड, हेपारिन इंजेक्शन
हमारा उद्देश्य लोगों को उच्च गुणवत्ता की दवाएं उपलब्ध करवाना है। जिन दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं, संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। - मनीष कपूर, राज्य दवा नियंत्रक, हिमाचल प्रदेश
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