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    Himachal Pollution: बद्दी की हवा बनी जहर, दिल्ली के बराबर कैटेगरी में पहुंचा AQI; बीमारियों का बढ़ा खतरा 

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 08:14 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के बद्दी शहर में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जहाँ एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 345 तक पहुँच गया है, जो दिल्ली के बराबर है ...और पढ़ें

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    Himachal Pollution: बद्दी की हवा बनी जहर। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, बीबीएन। हिमाचल प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक शहर बद्दी अब वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि यहां का वातावरण देश की राजधानी दिल्ली के बराबर की कैटेगिरी में जा पहुंचा है। सीजन में पहली बार एक्यूआई 300 के पार जा पहुंचा है।

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    बुधवार को बीबीएन क्षेत्र का एक्यूआई स्तर 345 पहुंच गया है। बीते करीब छह दिनों से बद्दी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लगातार 250 के आसपास बना हुआ था, जो वीरवार को सीधा 300 के पार पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक माना जा रहा है।

    विशेषज्ञों के अनुसार, 200 से 300 के बीच का एक्यूआई स्तर खराब श्रेणी में आता है और 300 से 400 के मध्य का स्तर बहुत अधिक खराब श्रेणी यानी वेरी पुअर कंडीशन में आता है। इस स्तर पर लंबे समय तक रहने से आम लोगों, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से सांस या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, गले में खराश और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

    बद्दी में बढ़ते प्रदूषण के कारण इन समस्याओं के मामले धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। बद्दी एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां सैकड़ों फैक्ट्रियां संचालित हैं।

    उद्योगों से निकलने वाला धुआं, भारी वाहनों की आवाजाही, निर्माण कार्य, खुले में जलाया जाने वाला कचरा और सड़कों पर उड़ती धूल वायु प्रदूषण को और बढ़ा रही है। इसके अलावा ठंड के मौसम में हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण वातावरण में लंबे समय तक टिके रहते हैं, जिससे हालात और गंभीर हो जाते हैं।

    बद्दी शहर का 12 दिसंबर को एक्यूआई 280, 13 दिसंबर को 251, 14 दिसंबर को 232, 15 दिसंबर को 260 और 16 दिसंबर को 216 एक्यूआई, 17 दिसंबर को 293 एक्यूआई दर्ज किया गया और वीरवार 18 दिसंबर को यह 345 पर पहुंच गया है।

    राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी पवन कुमार ने कहा कि उन्होंने फोरलेन निर्माण में लगी कंपनियों को निर्माण के दौरान पानी का छिडकाव करने का नोटिस जारी किया है ताकि इस स्तर को कम किया जा सके। इसके साथ ही अन्य विभाग के अधिकारियों को भी इस विषय को लेकर गंभीरता से निपटने के लिए निवेदन किया गया है।