विदेशी पर्यटक के सीने में जिंदा कॉकरोच की वायरल फोटो निकली AI जेनरेटेड, क्या बोले सोलन अस्पताल के डॉक्टर?
सोलन अस्पताल में वायरल एक्सरे तस्वीरों को अस्पताल प्रबंधन ने एआइ जेनरेटेड बताया है। तस्वीरों में दिख रहे तिलचट्टे को एडिटिंग का हिस्सा बताया गया है। अ ...और पढ़ें

AI जेनरेटेड था इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित सोलन अस्पताल का एक्सरे (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, सोलन। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित एक्सरे की तस्वीरें एआइ से जेनरेटेड हैं। यह दावा क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के प्रबंधन ने किया है।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि एक्सरे तस्वीरों में दिखने वाला तिलचट्टा (काकरोच) किसी मरीज के शरीर में नहीं, बल्कि तस्वीरों की एडिटिंग का हिस्सा है। इस पोस्ट के अलग-अलग संस्करण बद्दी और शिमला अस्पताल के नामों से भी प्रसारित किए गए, जिससे गलत सूचना और तेजी से फैल गई।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एक्सरे मशीनें पूरी तरह सुरक्षित, आधुनिक और नियमित जांच से प्रमाणित हैं।
सोलन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. राकेश पंवार ने बताया कि पोस्ट झूठी है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि ऐसी भ्रामक पोस्ट न फैलाएं।
इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि एक विदेशी पर्यटक के सीने में जिंदा तिलचट्टा मिला। पोस्ट में तीन एडिटिड एक्सरे कापियां लगाई गई हैं। इसमें लिखा है कि सिंगापुर के पर्यटक को सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद वह क्षेत्रीय अस्पताल सोलन पहुंचे।
वहां एक्सरे होने के बाद कथित तौर पर उन्हें बताया कि उनके सीने में जिंदा तिलचट्टा दिखाई दे रहा है और तुरंत सिंगापुर लौटने की सलाह दी।
बाद में डॉक्टरों को पता चला कि यह तिलचट्टा मरीज के अंदर नहीं, बल्कि एक्सरे मशीन में मौजूद था।
प्रसारित हुई इन तस्वीरों को देखने के बाद मरीजों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और कई लोग सरकारी अस्पताल के बजाय बाहर की लैब में एक्सरे करवाने लगे।
अब अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि एक्सरे प्रक्रिया सुरक्षित है और अस्पताल में हर जांच के बाद उचित सत्यापन किया जाता है।

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