गजब का स्कैम! हिमाचल में AI से बनाए 941.39 करोड़ रुपये के फर्जी बिल, GST चोरी का भी पर्दाफाश
हिमाचल प्रदेश में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके 941.39 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए गए। इस घोटाले में ज ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। (File Photo)
जागरण टीम, नाहन/सोलन। राज्य कर विभाग के साउथ जोन जीएसटी विंग परवाणू की टीम ने सिरमौर, शिमला, सोलन व किन्नौर जिले में 941.39 करोड़ रुपये के फर्जी बिल और कर धोखाधड़ी पकड़ी है। इसके साथ ही 170 करोड़ रुपये की जीएसटी धोखाधड़ी को भी रोका है।
टीम ने उन फर्जी और कर धोखेबाज को पकड़ा है, जिन्होंने एआइ टूल्स से छेड़छाड़ किए बिजली बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, किराये के एग्रीमेंट, सहमति दस्तावेज, मोबाइल फोन नंबर अपलोड करके बिना पहचान के जीएसटीआइएन रजिस्ट्रेशन करवाया था।
शर्त पत्र के लिए इस्तेमाल ई-स्टांप पेपर से भी एआइ से छेड़छाड़ करके बिजनेस परिसर के तौर पर इस्तेमाल किया। टीम ने फर्जी बिल जमा करने के बाद जीएसटी को रद कर दिया है। ऐसे टैक्सपेयर्स शिमला और सोलन जिला के अंदरुनी इलाकों में जीएसटीआइएन प्राप्त करते हैं।
90 फीसदी बिक्री हिमाचल से हुई
टैक्सपेयर्स की एक चेन जिला ऊना-हरोली में भी पाई गई है। उनके क्रेडिट लेजर में जो भी फर्जी क्लेम किया गया वह आइटीसी में उपलब्ध था, उसे ब्लाक कर दिया गया है। जीएसटी धोखाधड़ी करने वाले सभी फर्जी और धोखेबाज टैक्सपेयर्स तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक से बिजनेस करते पाए गए। इन्होंने दक्षिणी राज्यों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करके और 90 प्रतिशत बिक्री भी हिमाचल से इन राज्यों में दिखाई थी।
जीएसटी विंग साउथ जोन परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि जांच में ऐसे मकान मालिक बिजनेस टर्नओवर के बारे में अनजान पाए गए जो छह माह में उनके परिसर में किए गए थे।
आधार कार्ड और मोबाइल फोन नंबर सफाई कर्मचारियों, माली और घरेलू नौकरों के पाए गए जिन्हें उनकी आइडी प्रूफ पर किए जा रहे इतने बड़े बिजनेस टर्नओवर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे नौ टैक्सपेयर्स में से पांच शिमला, तीन सोलन और एक ऊना जिले से पाए गए। जिला सिरमौर में भी इस तरह की कार्रवाई चल रही है।

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