भारी बारशि में जान हथेली पर रख नाहन को पानी पिलाने के लिए 4 दिन से घर नहीं गया स्टाफ, मरम्मत का कार्य दिन-रात जारी
सिरमौर जिले में भारी बारिश और भूस्खलन से नाहन की गिरी उठाऊ पेयजल योजना बाधित हो गई है। जल शक्ति विभाग के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर पाइपलाइन की मरम्मत कर रहे हैं। रामाधौण गांव के पास भूस्खलन से मुख्य पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। शहर को नहर-स्वार योजना से 20 लाख लीटर पानी मिल रहा है।

जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और जगह-जगह हो रहे भूस्खलन ने नाहन की जीवनरेखा मानी जाने वाली गिरी उठाऊ पेयजल योजना के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इसके बावजूद जल शक्ति विभाग का स्टाफ अपनी जान जोखिम में डालकर शहर को पानी पिलाने में जुटा हुआ है।
रामाधौण गांव के पास हुए भारी भूस्खलन ने गिरी उठाऊ पेयजल योजना की मुख्य पाइपलाइन को जगह-जगह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। विभाग के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर पिछले चार दिनों से दिन रात लाइन की मुरम्मत का काम कर रहे, जिसके चलते वह घर भी नहीं जा पा रहे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक वेल्डर लगातार तीन दिनों से भारी बारिश में पाइपलाइन की वेल्डिंग कर रहा है, जिसे तीसरे दिन सिर्फ दो घंटे सोने का मौका मिला।
मंगलवार सुबह 4 बजे उसने फिर से लाइन को जोड़ने का काम शुरू कर दिया। धौण में लैंडस्लाइड वाली जगह पर अधिकारी और तकनीकी टीमें अस्थाई टेंट लगाकर मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं।
यह बताना जरूरी है कि नाहन शहर को नहर-स्वार, काला अंब-खैरी और गिरी पेयजल योजना से पानी मिलता है। शहर की कुल पानी की मांग प्रतिदिन 40 लाख लीटर से अधिक है, लेकिन गिरी योजना के ठप होने से फिलहाल केवल नहर-स्वार योजना से 20 लाख लीटर पानी ही मिल पा रहा है।
गिरी नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे इस योजना के सात में से पाँच चालू ट्यूबवेल बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जब तक नदी का जलस्तर सामान्य नहीं होता, तब तक इस योजना को पूरी तरह से शुरू नहीं किया जा सकता।
इसके बावजूद, विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहा है। उधर जिला सिरमौर जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता राजीव महाजन ने बताया कि विभाग इस समय पूरी तरह से आपदा के बीच पेयजल की चुनौती से जूझ रहा है।
जिस जगह मुख्य लाइन टूटी हुई है, वहां वेल्डिंग कर लाइन ठीक कर दी जाती है, मगर लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण वह फिर से टूट जाती है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जल्द ही पेयजल व्यवस्था को पूरी तरह बहाल कर दिया जाएगा।
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