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    सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा, ST संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 04:58 PM (IST)

    सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को अब अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिल गया है। हाटी समुदाय में करीब 2 लाख लोग 4 विधानसभा क्षेत्र शिलाई श्रीरेणुकाजी पच्छाद तथा पांवटा साहिब में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।

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    हाटी समुदाय को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा (फाइल फोटो)

    नाहन/सिरमौर, जागरण संवाददाता। जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोगों का 56 वर्षों का संघर्ष शुक्रवार शाम को पूरा हो गया। जब अनुसूचित जनजाति संशोधित विधेयक पर राष्ट्रपति ने सैद्धांतिक मंजूरी देकर अपनी मुहर लगा दी। ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत थे।

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    लगातार कई वर्षों तक संघर्ष के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी। उसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस बिल को लोकसभा से पारित करवाया। उसके बाद 26 जुलाई को यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया। राज्यसभा से पारित होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया।

    9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने विधेयक पर लगाई मुहर

    मात्र 9 दिनों के बाद 4 अगस्त को राष्ट्रपति ने हाटी समुदाय के एसटी संशोधित बिल पर अपनी मुहर लगा दी। राष्ट्रपति चाहती तो वह इस बिल को पुनर्विचार के लिए दे सकती थी या 6 महीने तक रोक सकती थी। मगर राष्ट्रपति ने मात्र 9 दिनों के बाद भी एसटी संशोधित विधेयक को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी। जिसके चलते अब आगामी एक-दो माह में जिला सिरमौर में हाटी समुदाय के एसटी प्रमाण पत्र बनने शुरू हो जाएंगे।

    हाटी समुदाय के बारे में जानिए

    हाटी समुदाय में करीब 2 लाख लोग 4 विधानसभा क्षेत्र शिलाई, श्रीरेणुकाजी, पच्छाद तथा पांवटा साहिब में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है। 56 वर्षों के लंबे संघर्ष के दौरान हाटी समुदाय ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया, पांच दशकों में एक भी एफआईआर हाटी समुदाय के खिलाफ दर्ज नहीं हुई। जोकि इनके शांतिप्रिय प्रदर्शन की एक बड़ी मिसाल है।

    राष्ट्रपति मुर्मू से मिले थे हाटी समुदाय के लोग

    अप्रैल माह में शिमला में राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के दौरे के दौरान हाटी समुदाय के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर उन्हें सारी वास्तविक स्थिति से परिचित करवाया था। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यसभा से विधेयक पारित होते ही राष्ट्रपति उस पर जल्द अपनी मुहर लगा देंगी। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद केंद्र सरकार ने इसे राजपत्र में रात को ही प्रकाशित कर दिया। जिसमें हिमाचल की अन्य जातियों के साथ अनुसूचित जनजाति में जिला सिरमौर का हाटी समुदाय भी 11वीं एसटी में जाति शामिल हो गया है।