Pachad By Election Result: 12 साल पहले ली थी भाजपा की सदस्यता और आज बन गईं विधायक, जानिए रीना कश्यप का सफर
पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा ने वीरवार को जीत की हैट्रिक लगा दी। वर्षों तक कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर 2012 में भाजपा ने पहली बार विजय प्राप्त की थी।
नाहन, जेएनएन। रीना कश्यप ने 2006 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और आज पच्छाद से विधायक चुन ली गई हैं। रीना कश्यप राजगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत शाया के गांव शाया चबरौण की निवासी हैं। रीना का जन्म 16 सितंबर 1985 को हुआ। शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर लोक प्रशासन में शिमला विश्वविद्यालय से हुई। 2011 से 2016 तक राजगढ़ तहसील के शिलांजी वार्ड से जिला परिषद की सदस्य रहीं। भाजपा की आजीवन सदस्यता ग्रहण की है।
2011 में महिला मोर्चा पच्छाद की महामंत्री रहीं। 2013 में महिला मोर्चा की सदस्य व जिला सिरमौर कार्यकारिणी में रहीं। 2018 से 20 सूत्रीय कार्यक्रम व जिला विकास योजना कार्यक्रम की सदस्य हैं। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा हिमाचल प्रदेश की कार्यकारिणी सदस्य हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में महिला मोर्चा सह प्रभारी के रूप में दायित्व निभाया। पारिवारिक पृष्ठभूमि संघ परिवार की रही है। रीना के पति कुलदीप कश्यप राजगढ़ में हार्डवेयर की दुकान करते हैं। रीना कश्यप के ससुर जियालाल कश्यप वन विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं, जो अब पच्छाद भाजपा एससी मोर्चा के मंडल अध्यक्ष भी हैं।
पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा ने वीरवार को जीत की हैट्रिक लगा दी। वर्षों तक कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर 2012 में भाजपा ने पहली बार विजय प्राप्त की थी। वहीं, रीना कश्यप पच्छाद से पहली महिला विधायक बन गई हैं। उसके बाद 2017 में भाजपा ने दूसरी बार इस सीट पर जीत हासिल की। 2019 के उपचुनाव में भाजपा अपनी हैट्रिक बनाने में कामयाब रही और भाजपा की प्रत्याशी रीना कश्यप 2742 मतों से विजय हुईं। रीना कश्यप को 22048 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गंगूराम मुसाफिर को 19306 मत मिले। गंगूराम मुसाफिर ने भी हार की हैट्रिक बनाई। आजाद प्रत्याशी दयाल प्यारी ने 11651 मत हासिल किए।
गंगूराम मुसाफिर लगातार तीन चुनाव हार गए हैं, जबकि इससे पहले वह लगातार सात चुनाव जीत चुके हैं। गंगूराम मुसाफिर ने पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से दसवां चुनाव लड़ा था। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह चुनाव प्रभारी थे, जिन्होंने दिन-रात एक कर भाजपा की जीत सुनिश्िचत कर डाली। हालांकि इस दौरान कई तरह के विवाद भी उजागर भी हुए। कांग्रेस ने आइपीएच मंत्री की शिकायत तक की, लेकिन वह सभी आरोपों से पाक साफ बाहर निकल आए।