भारी बारिश से भूस्खलन और सड़कें बंद, गर्भवती महिला को 12 KM चारपाई पर उठाकर पहुंचाया अस्पताल
श्रीरेणुकाजी क्षेत्र में भारी बारिश से सड़कें बंद होने के कारण कजवा गांव से एक 28 वर्षीय गर्भवती महिला निशा को ग्रामीणों ने 12 किलोमीटर तक चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया। सड़कों की हालत खराब होने के बावजूद महिला को सिविल अस्पताल संगड़ाह में सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया। डॉ वैभव ने बताया कि संसाधनों की कमी के बावजूद बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नाहन। श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से सड़के बंद होने से कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार मरीजों तथा गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। ऐसी ही विकट परिस्थिति में मंगलवार को क्षेत्र के दूरदराज गांव कजवा से 28 वर्षीय गर्भवती महिला निशा को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने कजवा से पीयूलानी तक 12 किलोमीटर चारपाई पर उठाकर पहुंचाया।
उसके बाद फिर 14 किलोमीटर गाड़ी से सिविल अस्पताल संगड़ाह पहुंचाया। इसके बाद भी रास्ते में कई जगह कीचड़ व मलवा होने के चलते गाड़ी को धक्का लगाना पड़ा। महिला के पति हेमचंद ने पहला बच्चा होने के बावजूद सफल प्रसव करवाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों तथा महिला को चारपाई पर उठाने वाले ग्रामीणों का धन्यवाद किया।
स्वास्थ्य अधिकारी संगड़ाह डॉ वैभव ने कहा कि आमतौर पर पहली डिलीवरी वाला केस मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर करते हैं। मगर ज्यादातर सडके बंद होने और प्रसव में समय न होने के चलते संगड़ाह अस्पताल में ही सफल डिलीवरी करवाई। सुविधाओं के अभाव के बावजूद यहां मरीजों बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि, हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री रहे डॉ परमार का हल्का रहे श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र की सीएचसी संगड़ाह को वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा आदर्श अस्पताल घोषित किए गए जाने के बावजूद यहां एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व जनरेटर जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं।
इसके अलावा यहां डॉक्टर व विशेषज्ञों के 10 स्वीकृत पदों में से एकमात्र नियमित चिकित्सक मौजूद है। जबकि एक अन्य स्वास्थ्य परियोजना से प्रतिनियुक्त किया गया है।
वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा संगड़ाह में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता कार्यालय बंद किए जाने के बाद क्षेत्र में आए दिन घंटों बिजली गुल रहती है और जनरेटर न होने की चलते कई बार पूरी पूरी रात मरीजों को अंधेरे में काटनी पड़ती है।
बहरहाल ग्रामीणों ने लगी बारिश में महिला को करीब 12 किलोमीटर चारपाई पर उठाकर जच्चा-बच्चा दोनों की जान बचाई।
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