Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sirmaur News: शोभा यात्रा के साथ शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेला, उद्योग मंत्री ने देव पालकियों को दिया कंधा

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:30 PM (IST)

    जिला सिरमौर के श्रीरेणुकाजी में अंतरराष्ट्रीय मेले का शुभारंभ हुआ। भगवान परशुराम अपनी जन्मस्थली से माता रेणुकाजी से मिलने पहुंचे, जिनका स्वागत किया गया। उद्योग मंत्री ने शोभायात्रा का शुभारंभ किया और विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। उन्होंने माता रेणुकाजी की आरती में भाग लिया।

    Hero Image

    शोभा यात्रा के साथ शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेला। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्रीरेणुकाजी में शुक्रवार को भक्ति, आस्था और अनूठी परंपराओं से फिर गूंज उठा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी से पूर्णिमा तक चलने वाला यह ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेला शुक्रवार को विधिवत रूप से आरंभ हुआ। हर वर्ष की तरह इस बार भी भगवान परशुराम अपनी जन्मस्थली जामू कोटी से चांदी की पालकी में माता रेणुकाजी से मिलने पहुंचे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिरमौर राजपरिवार के सदस्य कंवर अजय बहादुर ने सदियों पुरानी परंपरा निभाते हुए भगवान परशुराम की पालकी का स्वागत किया। वही उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेला में भगवान परशुराम जी की पालकी को कंधा देकर शोभायात्रा का शुभारंभ किया।

    इस अवसर पर उनके साथ विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, विधायक नाहन अजय सोलंकी व उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा, पुलिस अधीक्षक निश्चिंत सिंह नेगी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान परशुराम, माता रेणुकाजी तथा मेले में आए क्षेत्रीय देवी-देवताओं को नमन कर आर्शिवाद प्राप्त किया। इसके उपरांत वह पारंपरिक दिव्य संगीत के प्रदर्शन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

    उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने श्रीरेणुकाजी प्रदर्शनी स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। इसके उपरांत उन्होंने देव घाट पहुंचकर श्रीरेणुकाकी माता जी की आरती में भी भाग लिया।

    छह दिवसीय मेले की शुरुआत के साथ ढोल-नगाड़ों की ध्वनि के बीच भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा ददाहू से चलकर त्रिवेणी घाट तक पहुंची, जहां भगवान परशुराम और माता रेणुकाजी का पारंपरिक मिलन हुआ। इसके बाद शोभायात्रा श्रीरेणुकाजी मंदिर परिसर तक पहुंची।