IIM सिरमौर में विश्व पर्यटन दिवस पर सेमिनार, 'इंपेशंस इकोनॉमी' और AI संचालित यात्रा के भविष्य पर किया मंथन
आईआईएम सिरमौर ने इंटरनेशनल टूरिज्म स्टडीज एसोसिएशन के साथ मिलकर विश्व पर्यटन दिवस 2025 पर पर्यटन और सतत परिवर्तन विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। उद्योग जगत के लीडर्स ने पर्यटन के भविष्य और सतत विकास पर विचार किया। वक्ताओं ने इंपेशंस इकोनॉमी और भारतीय पर्यटन बाजार की वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने अति-पर्यटन को रोकने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

जागरण संवाददाता, नाहन। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) सिरमौर ने इंटरनेशनल टूरिज्म स्टडीज एसोसिएशन के सहयोग से विश्व पर्यटन दिवस 2025 के अवसर पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
'पर्यटन और सतत परिवर्तन' विषय पर केंद्रित इस आयोजन में उद्योग जगत के लीडर्स और विशेषज्ञों ने पर्यटन के भविष्य और इसे सतत विकास से जोड़ने पर गहन विचार-विमर्श किया, जिसने पर्यटन क्षेत्र में आईआईएम सिरमौर की बौद्धिक नेतृत्व क्षमता को और मजबूत किया।
सेमिनार में प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए, जिनमें अंशुल गुप्ता (एम.डी. ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी लीड, एक्सेंचर), बृजेश मोदी (सी.एफ.ओ. थॉमस कुक) और पूर्णिमा नेरुरकर (पूर्व जी.एम. एयर इंडिया) शामिल रहे। इन वक्ताओं ने पर्यटन और विमानन क्षेत्र की प्रमुख प्रवृत्तियों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने मुख्य रूप से इंपेशंस इकोनॉमी (अधीर अर्थव्यवस्था) के उदय पर चर्चा की, जहां यात्रा प्रेरणा अब पारंपरिक 'वर्ड-ऑफ-माउथ' से हटकर सर्च इंजन, सोशल मीडिया और जेनरेटिव एआई के माध्यम से संचालित हो रही है। इस नए परिदृश्य में एआई व्यक्तिगत और तुरंत उपलब्ध पैकेज्ड यात्रा अनुभव प्रदान कर रहा है।
साथ ही उड़ान मार्ग अनुकूलन जैसी तकनीकों के उपयोग से पारदर्शिता और सततता को बढ़ावा दे रहा है। वक्ताओं ने भारतीय पर्यटन बाजार की तीव्र वृद्धि पर भी प्रकाश डाला और 2030 तक आउटबाउंड यात्रियों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद जाहिर की। इस बढ़ती मांग के बीच उन्होंने ओवर टूरिज्म (अति-पर्यटन) को रोकने और पर्यावरणीय दबाव को कम करने के लिए व्यक्तियों, सरकार और टूर ऑपरेटरों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस आयोजन का मार्गदर्शन डॉ. विक्रांत कौशल (चेयरपर्सन, एमबीए टूरिज्म मैनेजमेंट), डॉ. वेनेसा जीबी गौरीसुनकर (चेयरपर्सन, एमबीए टूरिज्म, ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट) और डॉ. जितेन्द्रन कोक्करनिकाल (प्रोफेसर, टूरिज्म मैनेजमेंट) ने किया।
सेमिनार में आईआईएम सिरमौर की उस प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसमें वह ऐसे नए पीढ़ी के लीडर्स को तैयार करेगा, जो पर्यटन में सतत परिवर्तन को आगे बढ़ाते हुए आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन स्थापित करेंगे।
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