हिमाचल: भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी सिरमौर जिले को दी बड़ी जिम्मेदारी, दो चुनौतियों से कौन पाएगा पार?
हिमाचल प्रदेश में भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी सिरमौर जिले को बड़ी जिम्मेदारी दी है। अब यह देखना है कि कौन इन दो चुनौतियों का सामना कर पाता है। सिरमौर जिले का राजनीतिक महत्व बढ़ गया है, और दोनों पार्टियां इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष विनय कुमार। जागरण आर्काइव
राजन पुंडीर, नाहन। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति एक वर्ष के बाद आखिरकार शनिवार शाम को हो गई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल भी जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र से हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार भी जिला सिरमौर के श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
अब हिमाचल प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के मुखिया जिला सिरमौर से हैं, तो आने वाले पंचायती राज चुनाव व नगर निकाय चुनाव में दोनों प्रदेश अध्यक्षों की अग्नि परीक्षा होगी। किस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष, कितनी पंचायत समितियां तथा जिला परिषद पर अपनी पार्टी के नुमाइंदों की जीत सुनिश्चित करवा पाते हैं।
आठ पंचायत समितियों में से छह पर भाजपा
पंचायत और नगर निकायों चुनाव में भाजपा तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों की चुनावी परीक्षा किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। वर्तमान में जिला सिरमौर में छह पंचायत समितियों शिलाई, पांवटा साहिब, नाहन, संगडाह, पच्छाद व राजगढ़ में से पांच पंचायत समितियां पर भाजपा के पदाधिकारी काबिज हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के बाद संगडाह पंचायत समिति पर 2023 में भाजपा को हटाकर अपना कब्जा किया है।
जिला परिषद पर भी भाजपा का कब्जा
वहीं जिला परिषद अध्यक्ष सिरमौर पर भी भाजपा की सीमा कन्याल काबिज हैं। अब देखना है कि कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार जिला सिरमौर की 8 पंचायत समितियों शिलाई, पांवटा साहिब, नाहन, संगड़ाह, पच्छाद, राजगढ़, त्रिलोरधार व ददाहु में से कितनी पर कांग्रेस काबिज होगी तथा जिला परिषद पर किसका कब्जा होगा।
2027 के विधानसभा चुनाव की चुनौती भी होगी
वही नवंबर 2027 में प्रस्तावित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल भाजपा को कितनी सीटों के साथ सत्ता में वापसी दिलाते हैं। तो वहीं कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार कितनी सीटों के साथ अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो पाएंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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