सिरमौर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त,गिरि नदी का बढ़ा जलस्तर; कई सड़के बंद
सिरमौर जिले में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गिरि नदी का जलस्तर बढ़ने से जटोन बैराज के फ्लड गेट दो बार खोलने पड़े। कई सड़कें बंद हैं और पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। पच्छाद क्षेत्र में भारी बारिश से एक गौशाला में पानी भरने से कई बकरियां और मुर्गे मर गए जिससे भारी नुकसान हुआ है।
जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर में शनिवार रात 11:30 से रविवार सुबह 11 बजे तक लगातार झमाझम बारिश हुए। रात करीब 12 बजे तेज तूफान के बीच जिले के कई हिस्सों में भारी गरज के साथ जोरदार बारिश का दौर शुरू हुआ। इस दौरान कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। अब भी रुक रुककर बारिश हो रही है। बारिश से जिला सिरमौर में लोक निर्माण विभाग की 14 सड़के, दो पेयजल योजनाएं व 498 डीटीआर (ट्रांसफार्मर) बंद रहे।
जिला सिरमौर और ऊपरी इलाकों में हो रही तेज बारिश के बीच गिरि नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। जल स्तर बढ़ने के कारण रविवार सुबह 2 बार जटोन बैराज के फ्लड गेट खोलने पड़े। इसकी सूचना बैराज में तैनात दिनेश कुमार ने सुबह 5 बजकर 20 मिनट और इसके 8 मिनट बाद यानी 5:28 पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दी गई। पहले 4 नंबर गेट से पानी छोड़े जाने की चेतावनी जारी हुई। इसके बाद 3 और 4 नंबर गेट से पानी छोड़ा गया।
सूचना के बाद पहले शुभ 5:25 और इसके 10 मिनट के अंतराल पर 5:35 बजे पानी छोड़ा गया। इसके साथ आपदा प्रबंधन ने चेतावनी जारी की कि पानी छोड़े जाने से नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में जल स्तर बढ़ सकता है और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। वही पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत लानाबांका में ग्राम धार चिमलुआ में के कपिल देव पुत्र नान्टा की गऊशाला जो खड्ड के नजदीक बनी हुई है।
शनिवार देर रात्रि भारी वर्षा होने के कारण खाले /खड्ड से गऊशाला में पानी भर जाने के कारण 10 बकरियां व 13 मुर्गे मर गए। जिसका नुक्सान राजस्व विभाग द्वारा 40 हजार रुपए आंका गया है। उधर डीसी सिरमौर कार्यालय ने स्थानीय जनता से अपील की है कि वे नदी के किनारों और आसपास के क्षेत्रों से दूर रहें। ग्राम पंचायत प्रधानों, गैर सरकारी संगठनों और नागरिकों से भी अनुरोध किया गया है कि वे इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।