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    पांवटा साहिब में SDM को ‘चीमा कीमा’ कहने से मचा बवाल, सिख समुदाय का फूटा गुस्सा; जयराम ठाकुर से माफी की मांग

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 08:11 PM (IST)

    पांवटा साहिब में भाजपा की जनसभा में चीमा कीमा नहीं चलेंगे नारे से विवाद खड़ा हो गया है। सिख समुदाय ने एसडीएम गुंजित सिंह चीमा के खिलाफ इस नारे को अपने ...और पढ़ें

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    एसडीएम गुंजित सिंह चीमा के खिलाफ नारे लगाने से सिख समुदाय में रोष

    जागरण संवाददाता, नाहन। पांवटा साहिब के रामलीला मैदान में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की जनसभा व प्रदर्शन के दौरान लगाए गए चीमा कीमा नहीं चलेंगे जैसे नारों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह नारा कथित तौर पर पांवटा साहिब के एसडीएम गुंजित सिंह चीमा के खिलाफ लगाया गया, लेकिन इसका गहरा असर सिख समुदाय पर पड़ा है, जिसने इसे अपने सम्मान से जोड़कर गंभीर आपत्ति जताई है।

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    घटना के बाद सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारा परिसर में एकत्र होकर तीखी प्रतिक्रिया दी। साथ ही पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा कार्यकर्ता, सिख समुदाय की एक बहुत बड़ी कौम का अपमान करने पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो सिख समुदाय चुप नहीं बैठेगा।

    पांवटा साहिब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिख समुदाय के प्रतिनिधियों समाजसेवी इंद्रजीत सिंह मिक्का, किसान नेता तरसेम सिंह, परमजीत सिंह बंगा, किसान नेता गुरजीत सिंह, जसविंदर सिंह बिलिंग, प्रदीप सिंह सैनी ने कहा कि कुछ समय पहले भी सोशल मीडिया पर माजरा प्रकरण के दौरान एसडीएम द्वारा ड्यूटी के दौरान डंडा हाथ में लिए जाने के मामले को खालिस्तान से जुड़े मुद्दे को उछालकर सिखों को निशाना बनाया गया था।

    अब एक बार फिर सिख समुदाय को अप्रत्यक्ष रूप से टारगेट किया जा रहा है, जबकि एसडीएम गुंजित सिंह चीमा का किसी राजनीतिक विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ समय पूर्व बंगाल में सिख समुदाय से संबंध रखने वाली पुलिस अधीक्षक के साथ धक्का मुक्की की गई।

    उसके बाद पांवटा साहिब की यह घटना, जिसको लेकर अब सिख समुदाय चुप नहीं बैठेगा। सिख समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि 'चीमा' केवल एक अधिकारी का नाम नहीं, बल्कि सिख समाज की एक प्रतिष्ठित पहचान भी है।

    ऐसे में इस प्रकार की सार्वजनिक टिप्पणी और नारेबाजी, चीमा कीमा कहने से पूरे समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। सिख समुदाय ने मुख्यमंत्री, प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि नारेबाजी करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। उधर पांवटा साहिब के एक अन्य किसान पदाधिकारी एवं समाजसेवी सरदार अनिद्र सिंह नॉटी ने भी सिख समुदाय पर की गई टिप्पणी के खिलाफ पुलिस व सरकार से कार्रवाई की मांग की है।