चालदा महासू महाराज: हिमाचल में प्रवेश करते ही बदल गए पालकी के कारदार, 3 KM क्षेत्र में टेंट व 50 हजार के लिए भंडारा, बेहद खास आयोजन
उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करते ही छत्रधारी चालदा महासू महाराज की पालकी के कारदार बदल गए। 3 किमी क्षेत्र में टेंट लगाए गए हैं और 50 हजार भक ...और पढ़ें

उत्तराखंड से हिमाचल में पहुंचे चालदा महासू महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़। जागरण
जागरण संवाददाता, नाहन। उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों के आराध्य देव एवं कुल देवता छत्रधारी चालदा महासू महाराज ने शनिवार शाम करीब 6 बजे उत्तराखंड से टौंस नदी मिनस पुल से पार कर पहली बार हिमाचल प्रदेश में प्रवेश किया। द्राबिल में हजारों लोगों ने रातभर भजन कीर्तन किया।
दिन में 12 बजे देवता का रथ वहां से पश्मी स्थित मंदिर के लिए निकल पड़ा है। करीब 28 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद रात 12 बजे मंदिर में देवता के रथ को प्रतिष्ठापित किया जाएगा।
हजारों लोगों ने किया देवता का स्वागत
शनिवार को जिला सिरमौर की सीमा में पहुंचते ही ढोल नगाड़ों, पटाखे तथा महाराज के उद्घोष, वैदिक मंत्र उच्चारण एवं पारंपरिक रीति रिवाज के साथ जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र के लोगों ने चालदा महासू महाराज का भव्य स्वागत किया।
हिमाचल में प्रवेश करते ही बदल गए पालकी के कारदार
जिला सिरमौर की सीमा में पहुंचते ही उत्तराखंड से महाराज की पालकी को उठाएं कारदार भी बदल गए। हिमाचल की सीमा में पहुंचते ही पश्मी गांव के कारदारों ने पालकी को उठाया।
हिमाचल के इन क्षेत्रों के लोग पहुंचे
हिमाचल के सिरमौर जिला की सीमा पर मिनस में शिमला जिला के जुब्बल, कोटखाई, रोहडू, चौपाल, नेरवा तथा जिला सिरमौर के सतौन, कमराऊ, शिलाई, पांवटा साहिब, संगडाह, हरिपुरधार, नौहराधार, राजगढ़ व श्रीरेणुकाजी क्षेत्रों से भारी संख्या में मिनस पहुंचे लोगों ने चालदा मासूम महाराज का भव्य स्वागत किया, साथ ही महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।
द्राबिल में रहा पहला पड़ाव
मिनस से सभी श्रद्धालु महाराज की पालकी एवं देव यात्रा के साथ रात को द्राबिल पहुंचे। द्राबिल पहुंचने पर चालदा महासू महाराज ने हिमाचल प्रदेश में अपना पहला पड़ाव लिया। जहां पर मंत्र उच्चारण के साथ महाराज की पूजा अर्चना तथा रातभर कीर्तन का आयोजन किया गया।
50 हजार लोगों के लिए बना था भंडारा, तीन किलोमीटर तक लगे टेंट
इसी के साथ ही महासू महाराज मंदिर समिति तथा ग्रामीणों द्वारा 50 हजार लोगों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई थी। देर रात तक श्रद्धालुओं को भंडारा परोसा गया, इसके साथ ही भक्तजनों ने रात भर महाराज का जागरण किया। भक्तों के लिए कई किलोमीटर तक टेंट लगाए गए थे। रात को ठंड न लगे, इसके लिए लकड़ी के अलाव जलाए गए थे।
पश्मी में दो करोड़ से बना है मंदिर, एक वर्ष यहीं रहेंगे
रविवार रात 12 बजे शिलाई के पशमी गांव में पहुंच कर चालदा महासू महाराज करीब 2 करोड़ रुपये से बने नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होंगे। अगले एक वर्ष तक इसी मंदिर में रहेंगे, जहां पर मंदिर समिति देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भंडारे और ठहरने की व्यवस्था करेगी। इसी वर्ष के बीच में छात्रधारी चालदा महासू महाराज महाराज के अगले स्थान पर जाने की घोषणा भी करेंगे।
पंडित आत्माराम शर्मा करेंगे पूजा
चालदा महासू महाराज के पश्मी गांव में देव कार्य तथा भंडारे के लिए श्री महासू महाराज कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में दिनेश चौहान को बजीर और रघुवीर सिंह को भंडारी नियुक्त किया गया है। जबकि मंदिर में पूजा की जिम्मेवारी पंडित आत्माराम शर्मा को सौंप गई है।
उत्तराखंड के लोग भी पहुंचेंगे
शिलाई के पश्मी गांव में अगले सभी त्योहार जैसे कि बिशु, दीपावली, बूढ़ी दिवाली और बसंत पंचमी पर भी अगले वर्षों तक विशेष आयोजन होंगे। जिसमें जिला सिरमौर सहित उत्तराखंड के हजारों लोग भाग लेंगे। पश्मी गांव में इस समय उत्सव जैसा माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि शताब्दियों बाद मिलने वाला सांस्कृतिक सौभाग्य है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।