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    नाहन मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का आरोप, गर्भ में हुई नवजात की मौत; पीड़ितों ने की जांच की मांग

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 04:30 PM (IST)

    नाहन मेडिकल कॉलेज फिर विवादों में है। पांवटा साहिब की लक्ष्मी शर्मा ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है जिसके कारण उनकी बहन के नवजात शिशु की मौत हो गई। परिवार ने तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि प्रसव पीड़ा के बाद भी सिजेरियन नहीं किया गया और बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं।

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    नाहन मेडिकल कॉलेज में लापरवाही से नवजात की मौत का आरोप।

    जागरण संवाददाता, नाहन। डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन एक बार फिर विवादों में आ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पांवटा साहिब की लक्ष्मी शर्मा ने अपनी बहन चंद्रकला पत्नी नरेश शर्मा के नवजात बच्चे की मौत के कथित लापरवाही के आरोप मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर लगाए हैं।

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    इस घटना से गुस्साए पीड़ित परिवार ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में पांवटा साहिब की लक्ष्मी शर्मा ने बताया है कि उनकी बहन चंदर कला पत्नी नरेश शर्मा को 24 जुलाई को प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज नाहन में भर्ती कराया गया था।

    डॉक्टरों की सलाह पर चंदर कला को आर्टिफिशियल लेबर पेन शुरू करने के लिए दवाइयों की पहली डोज रात 2 बजे, दूसरी सुबह 6 बजे और तीसरी 10 बजे दी गई। लक्ष्मी शर्मा के अनुसार, दवाएँ दिए जाने के बाद उनकी बहन को लगातार तेज प्रसव पीड़ा होती रही, लेकिन 10 घंटे तक असहनीय दर्द सहने के बावजूद भी बच्चेदानी का डायलेशन 2 सेंटीमीटर से अधिक नहीं हुआ।

    लक्ष्मी शर्मा ने बताया कि इतनी गंभीर स्थिति के बावजूद डॉक्टरों ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, न ही सिजेरियन या किसी अन्य आवश्यक चिकित्सा प्रक्रिया को अपनाया गया। इस गंभीर लापरवाही का दुखद परिणाम यह हुआ कि उसकी बहन का नवजात बच्चा जन्म से पूर्व ही दुनिया छोड़ गया।

    लक्ष्मी शर्मा ने वीडियो में बता रही हैं कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कथित तौर पर रात में अपने घर चले गए थे, जिससे आपात स्थिति में मरीज को उचित चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई। इतना ही नहीं, एक आवश्यक सुविधा के तौर पर 3डी अल्ट्रासाउंड मशीन भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी, जिससे बच्चे की सही स्थिति का आकलन नहीं हो पाया।

    सबसे चिंताजनक बात यह थी कि नवजात के दिल की धड़कन (फीटल हार्टबीट) मॉनिटर करने वाला उपकरण भी काम नहीं कर रहा था, जो प्रसव के दौरान बच्चे की स्थिति जानने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। लक्ष्मी शर्मा ने कहा है कि इन सभी कारणों से न केवल उनकी बहन के बच्चे की जान गई, बल्कि उसकी बहन को भी मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यंत पीड़ा झेलनी पड़ी।

    उधर जब इस संदर्भ में मेडिकल कॉलेज नाहन की वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ संगीत ढिल्लों से संपर्क किया गया। तो उन्होंने बताया कि उनके पास लिखित में कोई शिकायत नहीं आई है, जब शिकायत आएगी, तो नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।