हाईकोर्ट का आदेश पार्किंग सुविधा हो तभी पंजीकृत होगा अब आपका वाहन Shimla News
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अब कोई भी वाहन तभी पंजीकृत होगा जब मालिक के पास शिमला में पार्किंग की व्यवस्था का प्रमाणपत्र होगा।
शिमला, जेएनएन। यदि आपने नगर निगम शिमला की परिधि में वाहन चलाना है तो बिना पार्किंग प्रमाणपत्र के राज्य के किसी भी जिले में यह पंजीकृत नहीं हो सकेगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब जिला प्रशासन सभी जिलों को इस आदेश की प्रतिलिपि भेज रहा है। हाईकोर्ट के आदेश में साफ है कि कोई भी वाहन, जो शिमला नगर निगम की सीमा में भी चलाया जाना है, वह प्रदेशभर में कहीं भी तभी पंजीकृत होगा, जब मालिक के पास शिमला में पार्किंग की व्यवस्था का प्रमाणपत्र होगा।
2015 में हाईकोर्ट ने नगर निगम की सीमा में रहने वाले लोगों के लिए ऐसे आदेश दिए थे। अब हाईकोर्ट ने शहर में बढ़ती पार्किंग समस्या को देखते हुए आदेश के दायरे को बढ़ा दिया है। राज्य के हर हिस्से में वाहनों के पंजीकरण के लिए शिमला में वाहन की पार्किंग की व्यवस्था होने का सर्टिफिकेट लगाना होगा। सर्टिफिकेट संबंधित क्षेत्र के एसएचओ के माध्यम से लेना अनिवार्य होगा। शिमला शहर में वाहनों की संख्या 85 हजार से ज्यादा हो चुकी है। इसके अलावा राज्यभर से ही विभिन्न कार्यों के लिए हजारों लोग वाहनों
से शिमला पहुंचते हैं। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने माना कि आदेश की प्रति सभी जिलों को भेजी जाएगी।
पंजीकरण से पहले पूछा जाएगा शिमला में वाहन ले जाने का सवाल
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के हर जिले में एसडीएम और आरटीओ आफिस में वाहन पंजीकरण से पहले पूछा जाएगा कि क्या वाहन शिमला नगर निगम की परिधि में चलेगा। यदि वाहन मालिक हां कहता है तो उसे शिमला में पार्किंग का प्रमाणपत्र देना होगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंजीकृत होने वाले हर नए और पुराने वाहन के पंजीकरण पर यह शर्त लागू होगी।
बैठक में उठा मसला
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप की अध्यक्षता में पार्किंग समस्या के हल के लिए हुई बैठक में यह मामला उठा। बैठक में कोर्ट के आदेश पर जब बिंदुवार चर्चा हुई है तो सामने आया कि राजधानी में चलने वाले
हर वाहन पर आदेश लागू होंगे। भले ही पंजीकरण किसी भी जिले में करवाना होगा। इस पर फैसला लिया कि जिला प्रशासन की ओर से सभी जिलों को इन आदेश की प्रतिलिपि भेजी जाएगी। इसके बाद वे अपने स्तर पर इसे कैसे लागू किया जाना है, पर फैसला लेंगे।
अभी तक ऐसे कर रहे थे लोग
वर्तमान में हाईकोर्ट के 2015 के आदेश के बाद शिमला में रहने वाले लोग वाहन खरीद कर अपने मूल गांव के पते पर पंजीकृत करवा लेते हैं। इससे वाहन का पंजीकरण बिना पार्किंग सर्टिफिकेट के हो जाता है। वाहन को शिमला में आराम से चला सकते हैं। इसे रोकने के लिए अब जिला प्रशासन के लिए हाईकोर्ट के आदेश मददगार साबित होंगे।