Year Ender 2025: सालभर गरमाई हिमाचल की सियासत, सदन से सड़क तक 2 नेताओं की जंग; भाजपा-कांग्रेस को मिले चेहरे पर रह गई एक आस
Year Ender 2025, वर्ष 2025 में हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कई बदलाव आए। कांग्रेस और भाजपा को नए अध्यक्ष मिले। जगत सिंह नेगी और जयराम ठाकुर के बीच जुब ...और पढ़ें

हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, सीएम सुक्खू व पूर्व सीएम जयराम व राजस्व मंत्री नेगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला। वर्ष 2025 में हिमाचल प्रदेश में कई राजनीतिक बदलाव हुए। सीएम सुक्खू सहित डिप्टी सीएम के बीच अंदरखाते तकरार दिखी तो वहीं पूर्व सीएम जयराम और मंत्री जगत सिंह नेगी के बीच सालभर जुबानी जंग हावी रही। यह जुबानी जंग सदन से लेकर एक दूसरे के हलकों में दिखी।
कांग्रेस व भाजपा दोनों को ही नए अध्यक्ष मिले हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल पहले भी अध्यक्ष थे। नए सिरे से एक बार उन्हें ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। डा. राजीव बिंदल भले ही सोलन जिला से संबंध रखते हैं, लेकिन उनका विधानसभा क्षेत्र सिरमौर जिला का नाहन है।
वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी एक साल से ज्यादा समय से भंग है। हाईकमान ने कार्यकारिणी गठित करने से पहले नया अध्यक्ष बनाया है। पार्टी हाईकमान ने सिरमौर जिला से संबंध रखने वाले विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
हिमाचल के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्ष का परोक्ष व अपरोक्ष रूप से नाता सिरमौर जिला से ही है। कांग्रेस पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष तो बना दिया गया है, लेकिन कार्यकारिणी कब बनेगी, इस पर संशय बरकरार है। कार्यकारिणी में स्थान पाने के लिए पिछले एक साल से कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं। अब उन्हें कहा जा रहा है कि पहले जिला अध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्ष बनेंगे। उसके बाद राज्य कार्यकारिणी बनाई जाएगी।
प्रतिभा सिंह ने कार्यकारिणी नए सिरे गठित करने का किया था आग्रह
कांग्रेस की निर्वतमान प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने ही हाईकमान को पत्र लिखकर नए सिरे से कांग्रेस कमेटी गठित करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि जब उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभाला तो चुनाव नजदीक थे। ऐसे में जो पहले की कार्यकारिणी थी उसी के अनुसार काम किया। हाईकमान ने कार्यकारिणी भंग की। कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की, लेकिन इसमें एक साल बीत गया। मामला लटका रहा। इसी बीच प्रतिभा सिंह का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया। हाईकमान ने उन्हें हटाकर उनके स्थान पर विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी।
ताजपोशी हुई पर नहीं मिला मंत्री पद
वर्ष 2025 में सरकार ने बोर्ड व निगमों में कई कांग्रेस नेताओं को अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद पर तैनाती दी है। पिछले दो साल से मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर जो चर्चा चल रही है, वह अभी भी जारी है। मंत्री पद को लेकर आस अभी भी बरकरार है। किसे मंत्री बनाया जाता है यह 2026 में ही तय होगा। 2026 में कैबिनेट मंत्री के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष भी नया मिलेगा।
जयराम व नेगी की सियासी जंग
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नेताओं के आपसी टकराव तो बहुत देखने को मिलते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि कांग्रेस सरकार में राजस्व व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और विपक्ष के नेता में आपसी टकराव इतना बढ़ गया कि ऐसा लगा कि दोनों एक दूसरे को देखना तक नहीं चाहते। दोनों ही नेता अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत जनाधार रखते हैं, ऐसे में यह संघर्ष केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पार्टी बनाम पार्टी की लड़ाई का रूप लेता जा रहा है।
सदन में नेगी का बहिष्कार तक कर दिया
विधानसभा के अंदर आपदा और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर जब-जब जगत सिंह नेगी जवाब देने को खड़े हुए तो विपक्ष ने सदन से बाहर का रास्ता नाप लिया और उसके बाद सदन में वापस लौटे। ऐसा टकराव सदन में पहली बार देखने को मिला। वैसे तो टकराव हर बार किसी न किसी में होता है लेकिन पूरे विपक्षी सदस्य विरोध जताएं ऐसा कई दिनों तक चला।
एक दूसरे के हलकों में गए तो हुआ विरोध
यही नहीं यहां तक हालात रहे कि दोनों जब एक दूसरे के विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे तो दोनों के समर्थकों ने जमकर विरोध किया। विधानसभा के भीतर तीखी नोकझोंक तक सीमित रहने वाला यह टकराव सड़कों और जिलों तक पहुंच गया है, जिससे प्रदेश की राजनीति में गरमाहट बरकरार है। जब भी मौका मिलता है दोनों एक-दूसरे को घेरने में पीछे नहीं रहते।
सराज में नेगी की गाड़ी पर फेंका आपत्तिजनक सामान
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यह संघर्ष हाल के दिनों में और उग्र तब हो गया, जब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी नेता प्रतिपक्ष के गृह जिला पहुंचे। इस दौरान कथित तौर पर उनकी गाडी़ पर कपड़े बनियान, और जूते फेंकने तक के आरोप लगे। मामला यहीं नहीं रुका सरकारी गाडी़ पर लगे झंडे का अपमान बता देशद्रोह के मामले तक बना दिए। इस घटना के बाद सियासी माहौल और गरमा गया। इसके जवाब में जब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर किन्नौर पहुंचे, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध करते हुए पलटवार किया।
व्यक्तिगत टिप्पणी तो राजनीतिक दबाव के आरोप
कांग्रेस और भाजपा दोनों तरफ से इन दोनों के बीच टकराव को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी करने के आरोप लगाए जाते रहे। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नेता लगातार व्यक्तिगत टिप्पणियों और उकसावे की राजनीति कर रहे हैं, जबकि भाजपा इसे सत्ताधारी दल की राजनीतिक दबाव की राजनीति बता रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।