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    Year Ender 2025: हिमाचल के पौने 4 लाख कर्मचारी व पेंशनरों का वित्तीय लाभ के इंतजार में गुजरा साल, पहले महीने बिगड़ी थी स्थिति

    By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 06:43 AM (IST)

    Year Ender 2025, वर्ष 2025 हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी वर्ग के लिए वित्तीय लाभ के इंतजार में बीता। छठे वेतन आयोग के एरियर जैसी बड़ी मांग पर कोई ठोस निर् ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों का साल वित्तीय लाभ के इंतजार में गुजर गया। प्रतीकात्मक फोटो

    प्रकाश भारद्वाज, शिमला। Year Ender 2025, वर्ष 2025 हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी वर्ग के लिए बीता वर्ष वेतन-भत्तों के मोर्चे पर अपेक्षाओं और इंतजार में ही गुजर गया। लंबे समय से लंबित वित्तीय मांगों पर ठोस निर्णय न होने से कर्मचारियों में असंतोष तो रहा। लेकिन नियमित वेतन और पेंशन मिलने से स्थिति संभली रही। हिमाचल प्रदेश में एक लाख 91 हजार कर्मचारी हैं और एक लाख 71 हजार पेंशनर हैं।

    छठे वेतन आयोग के एरियर जैसी बड़ी मांग वर्षभर चर्चा में रही, पर अमल तक नहीं पहुंच सकी। छठे वेतन आयोग के 9 हजार करोड़ लंबित एरियर की मांग पूरे साल कर्मचारी संगठनों के एजेंडे में रही। 

    कर्मचारी संगठनों की ओर से कई बार ज्ञापन दिए गए। मंत्रियों व मुख्य सचिव से बार-बार बैठकें होती रही और कर्मचारियों को आश्वासन के बलावा कुछ नहीं मिला। एरियर भुगतान पर कोई ठोस घोषणा नहीं हो सकी।

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    कर्मचारी वर्ग नियमित वेतन को ही बड़ी राहत मानने लगा

    वेतन में देरी और अन्य प्रशासनिक मसलों के बीच यह मुद्दा धीरे-धीरे पृष्ठभूमि में चला गया। हालात ऐसे बने कि कर्मचारी वर्ग नियमित वेतन और पेंशन मिलने को ही बड़ी राहत मानने लगा। महंगाई भत्ते में आंशिक बढ़ोतरी और समय पर पेंशन भुगतान से वरिष्ठ कर्मचारियों और पेंशनरों में कुछ संतोष जरूर रहा, लेकिन वास्तविक वित्तीय लाभ सीमित ही रहे।

    अब नए साल से उम्मीदें 

    नए वर्ष में कर्मचारी वर्ग की नजरें सरकार के बजट और नीतिगत फैसलों पर टिकी हैं। एरियर भुगतान, संगठनों की मान्यता और समयबद्ध वेतन व्यवस्था जैसे मुद्दे फिर से जोर पकड़ सकते हैं। कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आने वाला वर्ष उनके लिए केवल इंतजार नहीं, बल्कि ठोस राहत लेकर आएगा।

    पांच तारीख को मिला पहला वेतन

    वर्ष की शुरुआत कर्मचारियों के लिए असहज रही, जब पहली बार वेतन पांच तारीख को मिला। इससे कर्मचारियों को आर्थिक प्रबंधन में दिक्कत का सामना करना पड़ा। हालांकि इसके बाद सरकार ने वेतन और पेंशन भुगतान को नियमित रखने का भरोसा दिलाया, जो वर्ष भर काफी हद तक बना रहा।

    निगम कर्मचारी व पेंशनरों को करना पड़ा इंतजार

    सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में शामिल हिमाचल पथ परिवहन निगम व राज्य पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों को वेतन की अदायगी प्रति माह दूसरे पखवाड़े में होती रही। परिवहन निगम के पेंशनरों की हालत तो और भी खराब रही, 65 साल से अधिक आयु के पेंशनरों को पहले और शेष पेंशनरों को महीने के अंत में पेंशन का भुगतान हो रहा।

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    कर्मचारी महासंघ को मान्यता नहीं

    वर्ष भर कर्मचारी राजनीति में भी ठहराव दिखा। कर्मचारी महासंघ को सरकार की ओर से मान्यता नहीं मिल सकी, जिससे संगठनों की सौदेबाजी की ताकत कमजोर रही। कर्मचारी नेता सरकार के साथ संवाद बनाए रखने में जुटे रहे, पर निर्णायक परिणाम सामने नहीं आए।