World No-Tobacco Day: एक कश स्वाद का, सफर राख का... मीठा जहर है तंबाकू में छिपा फ्लेवर, मौत के मुंह में ढकेल रही यह लत
युवा तंबाकू उत्पादों में छिपे फ्लेवर के आकर्षण में आकर अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। कंपनियां युवाओं को लुभाने के लिए मेन्थाल फल और कैंडी जैसे स्वादों का उपयोग कर रही हैं जिससे वे इसकी लत में फंस जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में हर साल करीब पौने तीन सौ करोड़ रुपये के तंबाकू उत्पादों का सेवन किया जा रहा है।

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। वो कश जो स्वाद में मीठा लगता है, दरअसल मौत की पहली सीढ़ी बन जाता है। आज के युवा तंबाकू में छिपे फ्लेवर के बहकावे में आकर अपनी जिंदगी को धुएं में झोंक रहे हैं।
उन्हें इसका अहसास तब होता है, जब बहुत देर हो चुकी होती है। तंबाकू उत्पादों को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए कंपनियां तरह-तरह के फ्लेवर का इस्तेमाल कर रही हैं।
मेन्थाल, फल और कैंडी जैसे स्वाद अब बीड़ी, सिगरेट, गुटखा और यहां तक कि माउथ फ्रेशनर तक में मिलाए जा रहे हैं। इसका सीधा असर किशोरों और युवाओं पर पड़ रहा है, जो शुरू में स्वाद के झांसे में आकर इनका सेवन करते हैं और इसकी लत में फंस जाते हैं।
तीन सौ करोड़ रुपये का होता है तंबाकू उत्पाद
हिमाचल प्रदेश में हर साल करीब पौने तीन सौ करोड़ रुपये के तंबाकू उत्पादों का उपभोग किया जा रहा है। इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं, जिससे फेफड़ों और मुख के कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। एक शोध के अनुसार फेफड़ों के कैंसर के 95 प्रतिशत और गले व मुंह के कैंसर के 70 प्रतिशत मामले तंबाकू सेवन से सीधे जुड़े हैं।
11 मिनट आयु घटा देती है एक बीड़ी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि तंबाकू का सेवन धीरे-धीरे आत्महत्या जैसा है। एक सिगरेट या बीड़ी व्यक्ति की आयु औसतन 11 मिनट तक घटा देती है।
नियमित सेवन करने वालों की उम्र 10 से 15 वर्ष तक कम हो जाती है। तंबाकू की लत सिर्फ एक आदत नहीं, एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है। खासकर युवाओं के लिए। सरकार को न सिर्फ कानून बनाना, बल्कि उसकी कड़ाई से पालना भी सुनिश्चित करनी होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।