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    'तारीख नहीं, न्याय मिलेगा', कौन हैं गुरमीत सिंह संधावालिया; जिन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट के 30वें चीफ जस्टिस के रूप में ली शपथ

    Updated: Sun, 29 Dec 2024 10:29 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के 30वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया ने शपथ ग्रहण की। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने रविवार को राजभवन शिमला में उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी उपस्थित रहे। जस्टिस संधावालिया इससे पहले पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में पदस्थ थे। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की थी।

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    गुरमीत सिंह संधावालिया ने हिमाचल हाईकोर्ट के 30वें चीफ जस्टिस के रूप में ली शपथ।

    राज्य ब्यूरो, शिमला।  हिमाचल आना मेरे लिए घर जैसा है। पहले भी हिमाचल आता रहा हूं। हिमाचल छोटा राज्य है और यहां पर अपराध के मामले कम होते हैं। ज्यादा मामले सर्विस और सिविल से जुड़े हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि सभी के सहयोग से लंबित मामलों का जल्द निपटारा हो। मैं एक वकील रहा हूं और लोगों के दर्द को समझता हूं। मेरी कोशिश रहेगी कि लोगों को तारीख की अपेक्षा जल्द न्याय मिले।

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    यह बात प्रदेश उच्च न्यायालय के 30वें मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया ने शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा। इससे पहले राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जस्टिस संधावालिया को रविवार को राजभवन शिमला में हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी उपस्थित रहे।

    कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की थी

    शपथ समारोह रविवार दिन के 11.15 बजे शुरू हुआ। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने समारोह की औपचारिक कार्यवाही का संचालन करते हुए राष्ट्रपति की ओर से जारी नियुक्ति पत्र पढ़ा। इससे पूर्व जस्टिस संधावालिया पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में पदस्थ थे। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की थी। अभी तक तरलोक सिंह चौहान कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सेवाएं प्रदान कर रहे थे।

    शपथ ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान मौजूद रहे। 

    साथ ही महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन, प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा, लोकायुक्त न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बारोवालिया, विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परिवार के सदस्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

    पिता भी रह चुके हैं मुख्य न्यायाधीश

    59 वर्षीय मुख्य न्यायाधीश ने 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कालेज से स्नातक की डिग्री ली। 1989 में पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की। उनके पिता 1978 से 1983 तक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और 1983 से 1987 तक पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। 

    मुख्यमंत्री सुक्खू ने दी बधाई

    मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि जस्टिस संधावालिया का विस्तृत अनुभव और दृष्टिकोण प्रदेश को लाभान्वित करेगा और न्याय की भावना को और ऊंचाई प्रदान करेगा। आशा व्यक्त की कि उनकी न्यायिक सूझबूझ राज्य में न्याय के सिद्धांतों को कायम रखने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।