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    शिमला वासियों के लिए अच्छी खबर! गर्मियों में मिलेगा पीने का साफ पानी, इस तकनीक का होगा इस्तेमाल

    Updated: Sun, 09 Mar 2025 12:33 PM (IST)

    शिमला शहर में पानी को साफ करने के लिए एक नई तकनीक अपनाई जा रही है। ओजोनाइजेशन तकनीक से पानी को प्रोजेक्टों से लाकर पंपिंग तक साफ किया जाएगा। अभी तक पा ...और पढ़ें

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    शिमला में ओजोनाइजेशन तकनीक से साफ होगा पानी

    जागरण संवाददाता, शिमला। शहर में पानी को साफ करने के लिए शिमला जल प्रबंधन ने नई तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इसके तहत पानी को प्रोजेक्टों से लाकर पंपिंग तक साफ करने के लिए ओजोनाइजेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

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    अभी तक पानी में क्लोरीन डाल कर इसे साफ किया जाता रहा है। इसके लिए अभी तक छह से ज्यादा कंपनियों ने प्रस्तुति दी है। बरसात में पानी को साफ करने के लिए अधिक मात्रा में क्लोरीन का इस्तेमाल करना पड़ता है। पानी में क्लोरीन की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए लंबे समय से इसका विकल्प तलाशा जा रहा है। कंपनी जल्द ही ही इसे शुरू करने की तैयारी कर रही है।

    यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं होती है। अगली निदेशक मंडल की बैठक में इसे स्वीकृति के लिए लाया जाना है। जल प्रबंधन कंपनी के प्रबंधक जेएस कश्यप ने कहा कि क्लोरीन का अधिक प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ऐसे में नई तकनीक ओजोनाइजेशन से पानी को साफ करने की तैयारी है।

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    क्या है ओजोनाइजेनशन तकनीक

    ओजोनेशन वॉटर ट्रीटमेंट पानी को ओजोन गैस की मदद से उपचारित करने की प्रक्रिया है। यह एक असरदार तकनीक है, इससे पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह एक रासायनिक जल उपचार तकनीक है। इसका लिक्वीट व गैस के रूप में प्रयोग होता है। ओजोन एक शक्तिशाली आक्सीकरण एजेंट है। इसके पानी में घुलने पर एक व्यापक स्पेक्ट्रम बायोसाइड का उत्पादन करता है। जो सभी वैक्टीरिया, वायरस व गंध को तुंरत नष्ट करता है। यह तकनीक काफी महंगी है, हालांकि क्लोरीन एक सस्ती तकनीक है।

    ओजोनाइजेशन तकनीक प्रेशर वॉटर सप्लाई में अधिक कारगर साबित होती है। प्रेशर वॉटर में यह बहुत जल्दी ही पानी में अशुद्धता को खत्म करती है, जिन क्षेत्रों में पानी प्रेशर से नहीं जाता है। वहां पर नई तकनीक की शुद्धता पर सवाल उठते रहते हैं।

    नशे के खिलाफ चलाया जा रहा है सख्त अभियान

    राजधानी शिमला में नशे की प्रवृत्ति को बढ़ता देखकर अब नगर निगम शिमला ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोला है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने शहर के सभी वार्डों में नशे के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ नाटक करने और वार्ड में एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। कमेटियां नशा बेचने वालों पर नजर रखेंगी। नशा बेचने वालों की सूचना पुलिस को देंगी ताकि नशे को जड़ से खत्म किया जा सके।

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