Virbhadra Singh: छह दशक तक पहाड़ की तरह खड़े रहे लोगों के साथ, कांग्रेस विचारधारा के CM ने मतांतरण पर किया था वार
Virbhadra Singh पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया जा रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान रहा। उन्होंने बेटियों के लिए शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाया और 30 कॉलेज खुलवाए। उन्होंने जलविद्युत परियोजनाओं को शुरू करके हिमाचल को ऊर्जा राज्य बनाया। वीरभद्र सिंह जबरन मतांतरण के विरुद्ध कानून बनाने वाले पहले मुख्यमंत्री थे।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Virbhadra Singh, देवभूमि व वीरभूमि का दर्द समझने और उसे दूर करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह सदियों तक लोगों के दिलों में रहेंगे। छह दशक से अधिक समय के राजनीतिक जीवन में हमेशा भोले-भाले लोगों की चिंता करते और समाधान खोजते रहे। मंगलवार आठ जुलाई को वीरभद्र सिंह की चौथी पुण्यतिथि है। लोग उन्हें दिल की गहराइयों से याद कर रहे हैं। उनका राज्य के हर क्षेत्र में योगदान रहा है, लेकिन मुख्य तौर पर शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा।
बेटियों के लिए घरद्वार किया शिक्षा का प्रविधान
वह इस बात को मानते थे कि बेटे तो घर से बाहर जाकर भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन सामाजिक तानेबाने के कारण बेटियों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर घरद्वार पर मिलना चाहिए। प्रदेश के ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद बालिकाओं की पढ़ाई में रुकावट आती थी।
अंतिम कार्यकाल में खोले थे 30 कालेज
उन्होंने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई की व्यवस्था पांच-सात किमी के दायरे में करने के बाद कालेज भी निकट लाए। कालेज की पढ़ाई की शुरुआत किराये के भवनों से करवाई, ताकि आगे भवन निर्माण होने तक किसी तरह की समस्या न आए। अंतिम कार्यकाल में उन्होंने 30 कालेज खोलकर युवाओं को उच्चतर शिक्षा के लिए विशेषकर बालिकाओं को प्रोत्साहित किया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी किए बड़े सुधार
इसके अलावा गरीब लोगों को सस्ती और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। राज्य मुख्यालय शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल की हालत सुधारने के साथ सुपर स्पेशिलिटी भवन चमियाना उनकी देन है। टांडा, नेरचौक व नाहन में मेडिकल कालेज दिलवाने में उनका योगदान है।
जलविद्युत क्षेत्र को किया विकसित
जलविद्युत क्षेत्र विकसित करके राज्य को आगे बढ़ाने का हरसंभव प्रयास किया। नाथपा झाकड़ी सहित कई जलविद्युत परियोजनाएं शुरू होने से हिमाचल ऊर्जा राज्य की तरफ बढ़ता चला गया। किसानों व बागबानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानी के साथ फल उत्पादन को बढ़ाने का काम किया।
जंगलराज किया था खत्म
प्रदेश की सत्ता संभालने के समय राज्य में वन काटुओं का जंगलराज था। जंगलराज को जड़ से समाप्त किया। सेब की पैकेजिंग के लिए प्रयोग होने वाली लकड़ी की पेटियों के स्थान पर गत्ते की पेटियों की शुरुआत की।
कांगड़ा में शीतकालीन प्रवास की थी शुरुआत
निचले-ऊपर वाले हिमाचल की खाई को पाटकर कांगड़ा जिला से शीतकालीन प्रवास की शुरुआत की और धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा परिसर का निर्माण करवाया। कांग्रेस विचारधारा के ध्वजवाहक वीरभद्र सिंह जबरन मतांतरण के विरुद्ध थे और उन्होंने राजनीतिक विचार को किनारे रखते हुए जबरन मतांतरण के विरुद्ध कानून बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना था।
87 वर्ष की आयु में भी विधानसभा में रहे
वर्ष, 1962 में सर्वप्रथम लोकसभा के सदस्य बने और 87 वर्ष की आयु में भी विधानसभा में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के रूप में 1983 से शुरुआत की, जो कि छह बार दोहराने के बाद आठ जुलाई, 2021 को खत्म हुई।
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