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    'विमल नेगी मौत मामला बहुत बड़ी धांधली से जुड़ा' जयराम ठाकुर ने उठाए सवाल, CBI से केस वापस लेने के लिए क्यों उतावली सरकार?

    By Rohit Nagpal Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 06:26 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विमल नेगी की मौत के मामले में सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सीबीआई जांच को बाधित करने का प्रयास कर रही है, क्योंकि इस मामले में कई लोगों की गर्दन फंस सकती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में शामिल है और सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रही है।

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    हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एचपीपीसीएल के इंजीनियर विमल नेगी की मौत से सुक्खू सरकार के तार बहुत गहरे और नजदीकी से जुड़े हैं। इसीलिए यह सरकार विमल नेगी की मौत की जांच को सीबीआई से वापस लेने के लिए हर हथकंडे अपना रही है।

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    देश के इतिहास का यह पहला मामला है जहां एक चीफ इंजीनियर की मौत के मामले की जांच के मामले में सरकार सहयोग करने के बजाय जांच को बाधित करने का प्रयास कर रही है।

    ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया कि सरकार ने किसी भी सीबीआई जांच की प्रक्रिया में दखल देने की कोशिश की हो। वह भी तब जब सीबीआई जांच के आदेश न्यायालय द्वारा दिए गए हों।

    सबसे बड़ा सवाल यह है की विमल नेगी की मौत के मामले में किस-किस की गर्दन फंस रही है जो पूरी सरकार छटपटा रही है। किसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री और उनका संरक्षण पाए अधिकारी सबसे ऊपर होकर, कानून की धज्जियां उड़ाकर काम कर रहे हैं। उन अधिकारियों को नियमों की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट देकर मुख्यमंत्री ने भी पूरे प्रदेश के लोगों की शक की सुई अपनी तरफ कर ली है।

    जयराम बोले, मामले में सरकार की संलिप्तता

    विमल नेगी के मौत के मामले में पहले जहां दाल में काला लग रहा था अब वहीं पूरी दाल ही काली नजर आ रही है। सरकार जिस तरीके से विमल नेगी की मौत के मामले में बेसब्र है और बार-बार झूठ बोल रही है, उससे यह साफ है कि विमल नेगी की मौत या हत्या में सरकार पूरी तरह शामिल है। सरकार को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।।

    कुछ अधिकारी जांच को प्रभावित करना चाहते

    जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से सीबीआई की जांच के बीच में मुख्यमंत्री द्वारा संरक्षित कुछ अधिकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर जांच को प्रभावित करना चाहते हैं उससे लगता है कि इस मामले में जेल बहुत लोगों की राह देख रही है। जो वरिष्ठ अधिकारी इस व्यवस्था पतन पर खामोश हैं, उन्हें अपने दायित्वों के लिए खाई गई संविधान की शपथ याद करनी चाहिए।

    सरकार जिस जांच को संरक्षण दे रही है उस जांच के अधिकारियों ने विमल नेगी के पास मिला सबसे अहम सबूत पेन ड्राइव को थाने के अंदर फॉर्मेट किया और फिर उसे फॉरेंसिक को सौंपा। जब थाने में पेन ड्राइव फॉर्मेट करके सबूत को मिटाने के मामले में पुलिस का एक कर्मचारी जेल में हैं। ऐसे में प्रदेश की पुलिस सीबीआई जांच पर कैसे सवाल उठा सकती है।