Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal Politics: अपनी शर्तों पर अड़े विक्रमादित्य... हाई कमान के साथ 3 घंटे की बैठक, बोले- फिलहाल इस्तीफे का नहीं डालूंगा दबाव

    By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Thu, 29 Feb 2024 07:27 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश की सियासत को लेकर बुधवार दिनभर सियासी ड्रामा चला और राज्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य से होने बुधवार सुबह 1030 बजे हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफा का ऐलान किया। उन्होंने राज्य सरकार पर उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम की मूर्ति लगाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करवाने की बात कही।

    Hero Image
    अपनी शर्तों पर अड़े विक्रमादित्य ने की हाई कमान के साथ 3 घन्टे की बैठक (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश की सियासत को लेकर बुधवार दिनभर सियासी ड्रामा चलता रहा। राज्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य से होने बुधवार सुबह 10:30 बजे हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया और कहा कि वह अपने मंत्री पद से इस्तीफा देते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने इस्तीफा का ऐलान करते हुए कहा था कि उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम पर यह सरकार सत्ता में आई है और डेढ़ साल का कार्यकाल होने के बाद भी उनकी मूर्ति लगाने के लिए रिज मैदान पर दो गज जमीन भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है इसके अलावा उन्होंने नाराजगी की कई अन्य वजह भी गिनाई थी।

    इस्तीफे का दवाब नहीं डालने की कही बात

    पार्टी हाई कमान उन्हें मनाने में जुटा हुआ था और शाम 8:00 बजे उन्होंने कहा कि वह अपने इस्तीफा के लिए अब कोई दबाव नहीं बनाएंगे। इससे पहले विक्रमादित्य सिंह अपनी मां और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ शाम साढ़े 5 बजे हाईकमान के द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक डीके शिवाकुमार व भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने सिसिल होटल पहुंचे थे।

    लगभग 3 घंटे होटल में रहने के बाद वह रात करीब साढ़े 8 बजे बाहर निकले और अपने निजी आवास हॉलीलॉज चले गए। पार्टी हाई कमान द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षकों से बातचीत के बाद विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे।

    ये रखीं शर्तें

    उन्होंने कहा कि व्यक्ति विशेष से संगठन सर्वोपरि है और उन्होंने पर्यवेक्षकों से बातचीत के बाद अपने इस्तीफे पर दबाव न डालने का फैसला किया है। हालांकि उन्होंने कहां की इस्तीफा वापस लेना और दबाव न डालना अलग-अलग बात है।

    उन्होंने कहा कि वह प्रदेश की जनता कि सेवा के लिए आये हैं। इसलिए मतभेद भुलाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। पार्टी प्रदेश मामलों के प्रभारी ने भी कहा कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने अपनी कुछ शर्ते भी रखी है।

    ये भी पढ़ें- विक्रमादित्य ने इस्तीफा लिया वापस, बड़े भाई सुक्खू का रखा मान; उठापटक के बीच सीएम ने कहा था छोटे को मना लूंगा

    शुक्ल क्या बोले

    हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि पार्टी हाई कमान ने जो पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं वह सभी से बातचीत कर रहे हैं और उनकी राय जान रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से उन्होंने सबसे पहले बात की और प्रदेश के राजनीतिक हालातो का पूरा फीडबैक लिया है इसके बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट मंत्री और सभी विधायकों से भी चर्चा की गई है इसी आधार पर वह अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

    ये भी पढे़ं- हिमाचल में दिन भर जारी रही सियासी उठापटक, विधानसभा स्थगित सहित 15 BJP विधायक हुए सस्पेंड