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    Shimla News: अमेरिकी राजदूत ने किया एडवांस स्टडी का दौरा, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान से प्रभावित हुए एरिक गारसेटी

    Updated: Sun, 07 Jan 2024 08:50 PM (IST)

    Shimla News अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेटी ने अपने परिवार के साथ भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का दौरा किया। जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने उन्हें संस्थान का भ्रमण करवाया और वर्तमान में किए जा रहे शोध कार्यों की जानकारी प्रदान की। वह न केवल इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व से प्रभावित हुए अपितु उन्होंने धरोहर संपदा के रखरखाव की प्रशंसा भी की।

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    अमेरिकी राजदूत ने किया एडवांस स्टडी का दौरा

    जागरण संवाददाता, शिमला। संयुक्त राज्य अमेरिका के भारत में राजदूत एरिक गारसेटी ने अपने परिवार के साथ भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का दौरा किया। जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने उन्हें संस्थान का भ्रमण करवाया और वर्तमान में किए जा रहे शोध कार्यों की जानकारी प्रदान की।

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    वह न केवल इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व से प्रभावित हुए अपितु उन्होंने धरोहर संपदा के रखरखाव की प्रशंसा भी की। उन्होंने संस्थान में हुए विभिन्न शोध कार्यों को मानवीय ज्ञान में वृद्धि करने वाला बताया।

    आईआईएएस है एक शोध संस्‍थान

    इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (आईआईएएस) एक शोध संस्थान है। यह 1964 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया था और यह 20 अक्टूबर 1965 से काम करना शुरू कर दिया था।

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    सात पहाड़ियों में से एक वेधशाला हिल पर किया गया कब्‍जा

    संस्थान जिस भवन में संस्थान है। वह मूल रूप से 1884-1888 से भारत के वाइसराय लॉर्ड डफरीन के घर के रूप में बनाया गया था और उसे वाइसरेगल लॉज कहा जाता था। इसमें भारत के सभी बाद के वाइसराय और गवर्नर जनरल थे। इस पर वेधशाला बनाई गई सात पहाड़ियों में से एक वेधशाला हिल पर कब्जा कर लिया गया।

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    इंडो-गॉथिक शैली में की गई डिजाइन

    इमारत इंडो-गॉथिक शैली में डिजाइन की गई है। इमारत को लोक निर्माण विभाग के एक वास्तुकार हेनरी इरविन ने डिजाइन किया था। वाइसरेगल लॉज के पास 1888 की शुरुआत में बिजली थी, जो शिमला के बाकी हिस्सों से काफी पहले थी। यह इमारत मोम-टिप किए गए पानी नलिकाओं के माध्यम से एक परिष्कृत अग्निशमन तंत्र से लैस थी।