शिमला के रूट्स कंट्री स्कूल बाघी में छात्रा की मौत, हॉस्टल के नीचे मिला शव
शिमला के कोटखाई में रूट्स कंट्री स्कूल की एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है और मामले की जांच कर रही है। मृतका की पहचान जसिका शर्मा के रूप में हुई है जो हरियाणा की रहने वाली थी और नौवीं कक्षा की छात्रा थी। परिजनों ने घटना पर दुख जताया है।

संवाद सूत्र, कोटखाई। शिमला जिला के कोटखाई उपमंडल के बाघी में नामी स्कूल रूट्स कंट्री की एक छात्रा की माैत का मामला सामने आया है। छात्रा की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
हालांकि, पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रथम दृृष्टया यह मामला आत्महत्या का माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि हॉस्टल की पांचवीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या की हो।
हालांकि, छात्रा को छलांग लगाते हुए नहीं देखा गया है। छात्रा का शव हॉस्टल के नीचे जमीन पर देखा गया। स्कूल में वह 9वीं कक्षा की छात्रा थी। उसकी उम्र 16 वर्ष की थी। छात्रा की पहचान जसिका शर्मा पुत्री दीपक कुमार कुमार गांव एवं डाकघर उरलाना कलां नजदीक ओमशांति मंदिर तहसील अमलोड़ा जिला पानीपत हरियाणा के रूप में हुई है।
यह मामला रविवार सुबह 6 बजे के आसपास का है। स्कूल प्रबंधन को इसका पता चलते ही पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी भेज दिया गया है।
वहीं, क्राइम सीन को भी सील कर दिया गया है। पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं, लेकिन घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है स्कूल प्रबंधन, स्टाफ एवं छात्रों से भी पूछताछ की जा रही है।
इसके अलावा हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरों को भी पुलिस खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि जेसिका पिछले दो वर्षों से उक्त स्कूल में पढ़ रही थी। कुछ दिन पहले ही वह घर से स्कूल लौटी थी और इन दिनों एनएसएस कैंप में भाग ले रही थी।
इस दौरान उसने दो मेडल भी हासिल किए थे। परिजनों का कहना है कि जेसिका ने न तो कभी घर पर और न ही स्कूल में किसी परेशानी का जिक्र किया। ऐसे में यह कदम क्यों उठाया गया, यह अब तक रहस्य बना हुआ है।
वहीं, छात्रा के परिजन हरियाणा से शिमला के लिए रवाना हो गए है, हालांकि रविवार देर शाम तक वह शिमला नहीं पहुंचे थे।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
स्कूली बच्चों के आत्महत्या करने के मामले पहले भी देखे गए है। इससे पहले शिमला के बढ़ा गांव की रहने वाली एक छात्रा ने कक्षा उतीर्ण नहीं होने को कारण पुल से छलांग लगा दी थी। इस बारे में न्यू शिमला थाना मामला दर्ज हुआ है।
इसके अलावा बीते दिनों सोलन में लद्दाख की एक छात्रा की ओर से भी आत्महत्या करने का मामला सामने आया था।
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
आईजीएमसी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. रवि का कहना है कि 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को मोबाइल फाेन देने से ऐसी घटनाएं बढ़ रही है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को या तो मोबाइल फोन मत दे या अगर मजबूरी में देना पड़ रहा है तो माता पिता इस पर पूरी नजर रखे।
मोबाइल फाेन की दुनिया में डूबकर बच्चा उसी के बारे में सोचता है। इससे कई बार वह डिप्रेशन में भी चला जाता है।
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