Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पांच साल में 32 मौतें, कोई मुआवजा नहीं... हिमाचल बिजली विभाग के खिलाफ यूनियन का आक्रोश, 7 हजार खाली पदों पर भी सवाल

    बिजली बोर्ड में लगातार हो रही जानलेवा दुर्घटनाओं ने कर्मचारी यूनियन और पेंशनरों को आक्रोशित कर दिया है। पिछले पांच सालों में 32 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है जिसमें 5 आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल हैं। यूनियन ने मांग की है कि जोखिम भरे काम पर आउटसोर्स कर्मचारियों की ड्यूटी न लगाई जाए और मृतक कर्मचारियों के परिवारों को उचित मुआवजा और नौकरी का प्रावधान किया जाए।

    By rohit nagpal Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 25 Feb 2025 05:00 PM (IST)
    Hero Image
    हिमाचल में बिजली बोर्ड के खिलाफ यूनियन आक्रोशित (फोटो- जागरण फाइल)

    जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News: राज्य बिजली बोर्ड में सोमवार को दो कर्मचारियों की करंट लगने से मौत हो गई। इसके बाद बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन व पेंशनरों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

    यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि पिछले पांच सालों में 32 कर्मचारी जान गवा चुके हैं। इनमें पांच आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्होंने मांग की है कि ऐसे जोखिम भरे काम पर आउटससोर्स कर्मचारियों की ड्यूटी न लगाई जाए। इससे उनके साथ अन्याय हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुआवजे और अन्य सुविधाओं का कोई प्रावधान नहीं

    दुर्घटना होने पर उन्हें दी जाने वाली मुआवजा राशि न के बराबर है, स्वजन को नौकरी का कोई प्रावधान नहीं है। इनका परिवार को तो भरण पोषण भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि काम का ज्यादा दवाब होने के चलते कर्मचारी दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।

    वहीं, पेंशन फोरम के प्रदेश महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल ने बिजली बोर्ड प्रबंधन व प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Latest News) को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने पटलांधर मे पंकेश कुमार और शोघी मे सुशील कुमार की घातक दुर्घटनाओं पर खेद प्रकट किया।

    इसके साथ ही कहा कि बिजली बोर्ड में फील्ड कर्मचारियों की भारी कमी है। वर्तमान में ऐसे लगभग 7000 पद रिक्त पड़े हैं किन्तु उन्हें भरने के स्थान पर बिजली बोर्ड उन्हें समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

    मृतक को दिया जाए 10 लाख का मुआवजा

    इसके परिणाम स्वरूप मौजूदा कर्मचारी (Himachal Bijli Vibhag Union) बेहद दबाव की स्थिति में कार्य करने को बाध्य हैं। पेंशनरों ने कर्मचारियों को 35000 की राशि की घोषणा करने की निंदा की और कहा कि प्रत्येक मृतक को न्यूनतम दस लाख रुपए की राशि प्रदान की जाए। परिवार के एक आश्रित को बोर्ड में नौकरी दी जाए ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।

    चन्द्र सिंह मंडयाल ने बिजली बोर्ड द्वारा कर्मचारियों के पदों को समाप्त करने की नीति का घोर विरोध किया और प्रदेश सरकार से अनुरोध किया कि फील्ड स्टाफ के सभी रिक्त पदों को तुरंत भरने के आदेश जारी किए जाएं ताकि आम जनता को बिजली नियमित रूप से मिलती रहे और कर्मचारियों पर भी अनावश्यक दबाव न रहे।

    यह भी पढ़ें- Himachal News: आज से छुट्टी पर रहेंगे पटवारी और कानूनगो, स्टेट कैडर का कर रहे हैं विरोध; हड़ताल की दी चेतावनी