शिमला में नाले में बह गईं मां और 10 साल की बेटी, सुन्नी में सतलुज के बहाव से पुल क्षतिग्रस्त, घर खाली करवाए
Himachal Pradesh News शिमला में बारिश से तबाही मची है। सुन्नी में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। जुन्गा में एक दर्दनाक घटना में गोभी के खेत में काम करने गई माँ और बेटी नाले में बह गईं जिससे उनकी मौत हो गई। देवनगर में भारी भूस्खलन के कारण सड़क बंद हो गई है

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश जारी है। जिला शिमला में जुन्गा के दरभोग में गोभी की फसल को बंदरों से बचाने के लिए गई मां बेटी की नाले में बहने से मौत हो गई। दरभोग में खेतों में जाने के लिए उन्हें नाला को पार करना था। बरसात के चलते नाले में बहुत ज्यादा पानी होने के कारण मां-बेटी दोनों ही एक साथ बह गई। 40 वर्षीय लीला देवी और 10 साल की शीतल की दर्दनाक मौत हो गई।
मां ने बेटी को बचाने के लिए अपनी पीठ पर बांध रखा था। नाले में पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण दोनों एक साथ ही बह गई। इससे दोनों की मौत हो गई। स्वजनों को शाम के समय ही इसकी जानकारी लगी। खेत से लगभग दो किलोमीटर दूरी पर मां व बेटी के शव स्वजन को मिले।
सतलुज के उफान में पुल क्षतिग्रस्त, घर खाली करवाए
सुन्नी में सतलुज पूरे उफान पर है। यहां सतलुज पुल के ऊपर से गुजर रही है। पुल भी पानी की बहाव के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां से आने जाने वाले लोगों का रास्ता भी पूरी तरह से बंद हो गया है सतलुज नदी में पानी का बहाव बढ़ने के कारण इसके आसपास के घरों को भी खाली करवा दिए हैं। शिमला पुलिस की ओर से पहले ही पुल के पास नोटिस चस्पा कर दिया है। इस पुल से लोगों के आने-जाने की पूरी तरह से मनाही हैं।
सतलुज नदी के बहाव को देखकर आसपास रहने वाले लोग दहशत में हैं। लोग रात को चैन से सो नहीं पा रहे हैं। उन्हें हर पल हादसे का भय सता रहा है।
शिमला शहर में भूस्खलन से सड़कें बंद
राजधानी शिमला में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद नुकसान का सिलसिला थम नहीं थम है। शहर के देवनगर में टीसीपी कार्यालय के बाहर भारी मात्रा में भूस्खलन होने के कारण रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। मैहली से लेकर भट्टाकुफर सड़क पूरी तरह से बंद है। वाहनों की आवाजाही बंद होने से लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
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