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    Shimla News: सर्दियों के मौसम में शिकारियों पर तीसरी आंख की नजर, Sanctuary Area में वन विभाग ने लगाए CCTV कैमरे

    By rohit nagpalEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sat, 09 Dec 2023 08:26 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम में शिकारियों पर तीसरी आंख की नजर रखी जा रही है। वन्य प्राणी विंग ने जंगलों में हंटिंग को कम करने के लिए सेक्चुरियों व उसके जंगलों के आसपास ट्रैप कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं। वन्य प्राणी विंग ने इसकी शुरुआत जल संरक्षण केंद्र से की है। इसके अलावा चायल सेंक्चुरी के आसपास भी वन्य प्राणी विंग ने ट्रैप कैमरे लगा दिए हैं।

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    सर्दियों के मौसम में शिकारियों पर तीसरी आंख की नजर (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में सर्दियां आने के साथ साथ जंगलों में वन्य जीवों को मारने के मामले भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में इस बार भी वन्य प्राणी विंग ने इसके लिए अपनी कमर कस ली है।

    वन्य प्राणी विंग ने जंगलों में हंटिंग को कम करने के लिए सेक्चुरियों व उसके जंगलों के आसपास ट्रैप कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं। वन्य प्राणी विंग ने इसकी शुरुआत जल संरक्षण केंद्र से की है। इसके अलावा चायल सेंक्चुरी के आसपास भी वन्य प्राणी विंग ने ट्रैप कैमरे लगा दिए हैं।

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    पांच से छह लगाए गए कैमरे

    विंग ने एक स्थान पर 5 से 6 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। अमूमन ये देखा गया है कि लोग ठंड के मौसम में जंगलों में आकर शिकार करते हैं। खासकर गांवों के जंगलों में तो लोग ज्यादा शिकार करते हैं। वहीं वन्य प्राणी विंग ने सेक्चुरियों में तैनात अधिकारियों व आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को भी चेताया है कि अगर कोई भी जंगल में शिकार करता दिखे, तो तुरंत विभाग को सूचित करे।

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    तारबंदी से भी जानवरों को बचाने का प्रयास

    ट्रैप कैमरों के अलावा वन्य प्राणी विंग ने सेंक्चुरियों के आसपास कंटीली तारें भी बांध दी हैं। ये तारें जमीन के साथ जुड़ी होंगी। साथ ही वन्य प्राणी विंग ने रात्रि गश्त को भी बढ़ा दिया है। विंग की टीम अब रात के समय हर दूसरे दिन जंगलों में जाकर चैक कर री है कि कोई शिकारी किसी जीव का शिकार तो नहीं कर रहा। इन दो सेंक्चुरियों के अलावा विंग आने वाले दिनों में सिंबल वाड़ा व श्रेीरेणुकाजी में भी ट्रैप कैमरों को लगाना शुरु कर देगा।

    तीन साल की सजा का है प्रावधान

    वन्य प्राणी विंग के वन मंडल अधिकारी एन रविशंकर का कहना है कि अगर जंगलों में कोई भी जीवों को मारता दिखाई देता है, तो उसे तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर भी उनकी टीम की नजर में इस तरह की हरकत करता कोई पाया जाता है, तो उसपर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

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