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    हिमाचल में अभी नहीं मिलेगी राहत, 20 तक झमाझम बारिश के आसार; 313 सड़कें बंद

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 07:36 AM (IST)

    शिमला और मंडी में भारी बारिश से तबाही मची है। सुन्नी में पुल टूटने से कई गांवों का संपर्क टूट गया चाबा पावर हाउस जलमग्न हो गया। पौंग बांध से पानी छोड़ने पर इंदौरा में फसलें बह गईं और मकान क्षतिग्रस्त हुए। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर ट्रांसमिशन टावर गिरने से यातायात बाधित हुआ। मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक बारिश से राहत की उम्मीद नहीं जताई है।

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    हिमाचल में अभी बारिश का कहर जारी रहेगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में दो दिन से हो रही वर्षा से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शिमला जिले के सुन्नी में काफी नुकसान हुआ है। सुन्नी से मंडी जिले के थली को जोड़ने वाला पुल पानी में समाने से क्षतिग्रस्त हो गया। इससे थली, शाकरा, जेहड़वीं और साथ लगते गांवों का सुन्नी और आसपास के कई गांवों से संपर्क टूट गया है। चाबा पावर हाउस जलमग्न हो गया है।

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    शुक्रवार को सतलुज में बढ़ते जलस्तर के कारण सुन्नी का अधिकांश तटीय इलाका जलमग्न हो गया। तत्तापानी पुल को खतरा बढ़ने के साथ तत्तापानी स्थित स्नानागार भी जलमग्न हो गए हैं। तत्तापानी-सुन्नी मार्ग पर सड़क के अधिकांश हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। शनिवार को सतलुज नदी के जलस्तर में थोड़ी कमी जरूर देखने को मिली, लेकिन खतरा बना हुआ है।

    प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर पुल पर आवाजाही बंद कर दी है। सुन्नी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, आईटीआई भवन, काली माता मंदिर, फॉरेस्ट रेस्ट हाउस, गौसदन सहित सुन्नी के निकटवर्ती निचले हिस्से का रिहायशी क्षेत्र जलभराव के कारण प्रभावित हुआ है। उधर, पौंग बांध से ब्यास नदी में छोड़ा पानी इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए आफत बना है।

    मंड क्षेत्र के मंड भोग्रवां गांव में ब्यास के बहाव से कई एकड़ जमीन बह गई है। साथ ही स्थानीय निवासी राजिंदर कुमार के बहुमंजिला मकान का कुछ हिस्सा भी बह गया है। रियाली पंचायत के वार्ड नौ व 10 में सैकड़ों किसानों की धान की फसल बह गई है। प्रशासन ने 23 परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी के नौ मील में बिजली बोर्ड की 132 केवी ट्रांसमिशन लाइन का टावर गिर गया।

    लोगों का कहना है कि फोरलेन निर्माण के लिए की गई पहाड़ की कटिंग से इस टावर को नुकसान पहुंचा है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन सात घंटे बाद बहाल हुआ। सराज की थाची में पहाड़ी से भूस्खलन होने से मलबा दो घरों की छत पर आ गया। लोगों ने भागकर जान बचाई। शिमला के शाली टिब्बा के आसपास वर्षा के कारण कई घरों में गाद भरने के अलावा बगीचों को नुकसान हुआ है।

    अभी 20 तक वर्षा से राहत की उम्मीद नहीं

    मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अभी 20 अगस्त तक वर्षा से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, कुछ कमी अवश्य आएगी। 17 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, शिमला व सिरमौर और 18 अगस्त को कांगड़ा और सिरमौर में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। सड़कों के बंद होने से बागबानों को सेब को मंडियों तक पहुंचाने में मुश्किल आ रही है।

    प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 313 सड़कें बंद

    प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 313 सड़कें बंद हैं। किन्नौर में एनएच-पांच व कुल्लू में एनएच-305 बंद हैं। प्रदेश में 348 ट्रांसफार्मर खराब हैं। प्रदेश में श्री नयनादेवी जी में 161, पालमपुर में 101, पंडोह में 72 व मंडी में 62 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

    प्रदेश में 20 जून से अभी तक 2144 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया जा चुका है। अभी तक 136 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन व अन्य कारणों से मौत हो चुकी है। प्रदेश में बादल फटने की अभी 34, बाढ़ की 74 और भूस्खलन की 61 घटनाएं हुई हैं।