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    Himachal Disaster: हिमाचल आपदा के जख्म को भरेगा विश्व बैंक, जल शक्ति विभाग ने मांगी 650 करोड़ की मदद

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 04:39 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से जल शक्ति विभाग को भारी नुकसान हुआ है। विभाग ने विश्व बैंक से 650 करोड़ रुपये की मदद मांगी है ताकि परियोजनाओं को फिर से शुरू किया जा सके। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से अतिरिक्त अनुदान की मांग की है। विश्व बैंक की सहायता ऋण के रूप में मिलने की संभावना है, और विभाग ने प्रस्ताव में सभी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है।

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    आपदा के जख्म भरेगा विश्व बैंक, जल शक्ति विभाग ने मांगा 650 करोड़। फाइल फोटो

    अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल प्रदेश पिछले तीन सालों से प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। जल शक्ति विभाग को ही इन तीन सालों में 4150 करोड़ का नुकसान प्राकृतिक आपदा से हुआ है। तीन साल में 46 हजार 917 जगह स्कीमें खराब व प्रभावित हुई है। कुछ स्कीमें तो बह ही गई, कुछ में पूरी लाइन नए सिरे से बिछानी पड़ी।

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    हालांकि, इन स्कीमों की मरम्मत करके इन्हें दोबारा से शुरू कर दिया गया है। इस वर्ष भी जल शक्ति विभाग को 1291.51 करोड़ रुपए की क्षति झेलनी पड़ी है। विश्व बैंक हिमाचल की आपदा से हुए नुकसान से उभरने में मदद करेगा। जल शक्ति विभाग ने इसके लिए 650 करोड़ की मांग की है। मानसून के कहर से प्रदेश को उबरने के लिए विश्व बैंक मदद करेगा।

    इसके लिए सरकार की ओर से एक प्रस्ताव तैयार करके भेजा गया है। सबसे ज्यादा नुकसान जल शक्ति विभाग के अलावा लोक निर्माण व बिजली बोर्ड को ही हुआ है। जल शक्ति विभाग को उम्मीद है कि विश्व बैंक से बजट मिलने के बाद जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई होगी जिससे परियोजनाओं को पूरी तरह से सुचारू रूप से चलाया जा सकता है।

    उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने खुद विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें हर प्रभावित परियोजना की चर्चा की गई थी। उनके अनुमोदन के बाद ही यह प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। उप मुख्यमंत्री खुद भी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिलकर अतिरिक्त ग्रांट की मांग उठा चुके हैं। 2023 में ही 2132.70 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। जबकि केंद्र से 100 करोड़ ही मिले हैं।

    विश्व बैंक को चाहिए स्पष्ट प्राथमिकता

    विश्व बैंक की सहायता आमतौर पर ऋण या अनुदान के रूप में होती है। विभाग के अनुसार विश्व बैंक इस बार जो मदद करेगा वह भी ऋण के तौर पर ही होगी। जल शक्ति विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें सारी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया गया है। राज्य सरकार ने विस्तृत पुनरुद्धार एवं पुनर्निर्माण योजना तैयार करके विश्व बैंक को भेजी है। इसमें प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग, कार्यों की प्राथमिकता, पर्यावरणीय एवं भौगोलिक जोखिमों का आकलन, और दीर्घकालीन बचाव उपाय शामिल है।