जर्जर हो चुका है शिमला के इस सरकारी स्कूल का भवन, 4 साल से किराए के कमरों में चल रही कक्षाएं
शिमला जिले के नांनन प्राथमिक विद्यालय का भवन चार साल से जर्जर है छात्र किराए के कमरों में पढ़ने को मजबूर हैं। भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपये उपलब्ध हैं फिर भी काम शुरू नहीं हो रहा। अभिभावक चिंतित हैं और सरकार पर उचित व्यवस्था न करने का आरोप लगा रहे हैं। अधिकारी जमीन मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

संजय भागड़ा, रामपुर बुशहर। जिला शिमला के स्कूलों की खस्ताहाल भवन विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए जोखिम भरा है। स्कूल भवन के लिए 20 लाख धन राशि खंड विकास अधिकारी रामपुर के कार्यालय में मौजूद है, लेकिन निर्माण कार्य न होने से दो कमरों में पढ़ाई करने को बच्चे मजबूर हैं। वहीं, उपमंडल रोहडू का राजकीय प्राथमिक पाठशाला ढाक का भवन भी खस्ताहाल है, जहां विद्यार्थी खतरे के साए में पढ़ाई कर रहे हैं।
रामपुर उपमंडल के प्राथमिक स्कूल नांनन की हालत बीते चार साल से जर्जर हालत में है और छात्र अपनी जेब से हर माह पैसे देकर किराए के कमरे में चल रहे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने करे मजबूर हैं। स्कूल भवन के लिए जमीन लेने के लिए चलाई गई फाइल अब तक विभागों के चक्कर लगा रही है। अभी भी ये मालूम नहीं है कि कब नई जगह जमीन मिलेगी और छात्र स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
रामपुर में वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ज्यूरी के साथ ग्राम पंचायत बोंडा के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय नांनन आता है। इस स्कूल के साथ करीब चार साल पहले समीप की पहाड़ी से अचानक पत्थर आ गिरे थे और स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। लेकिन छात्रों को अपने स्कूल का भवन उपलब्ध नहीं करवाया गया है।
इस पर अभिभावकों ने स्कूल कमेटी के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि छोटे बच्चों को गांव से दूर भेजना मुश्किल है इस क्षतिग्रस्त स्कूल के समीप दो कमरे किराए पर लिए गए। यहां तक कि बीते चार साल से हर माह प्रति बच्चे से 215 रुपये बतौर किराए के लिए जा रहे हैं, जो छात्रों के साथ सरासर अन्याय है। घर के समीप स्कूल होने के कारण छात्र दूर जाने को भी मजबूर हैं।
आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार स्कूलों को बंद करने में तो थोड़ा समय भी नहीं लगाती, लेकिन जहां पर छात्र होने के बावजूद बच्चों को शिक्षा की उचित व्यवस्था नहीं दी जा रही है। हालांकि, स्कूल के आसपास सरकारी भूमि भी मौजूद है। बावजूद इसके स्कूल भवन को दोबारा से बनाने के लिए सरकार और विभाग कोई रुचि नहीं दिखा रहा है।
चार साल पहले स्कूल को असुरक्षित घोषित कर दिया गया था, क्योंकि स्कूल भवन पर पहाड़ी से पत्थर गिरे और भवन को नुकसान हुआ था। उस समय से अब तक स्कूल के समीप में किराए के कमरों में चलाया जा रहा है और प्रति माह हर छात्र से 215 रुपये लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया की पशुपालन विभाग द्वारा स्कूल निर्माण के लिए जगह दी जानी है और कई बार जमीन देने की गुहार लगाई गई है। लेकिन अब तक कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।- सरोज, एसएमसी अध्यक्ष।
ग्राम पंचायत बोंडा के अंतर्गत आने वाले राजकीय प्राथमिक स्कूल नांनन की स्थिति से शिक्षा विभाग को कई बार अवगत करवा चुके हैं। शिक्षा मंत्री के सचिव को स्कूल भवन के लिए धन राशि 20 लाख खंड विकास अधिकारी रामपुर के कार्यालय में मौजूद भी है। संबंधी फाइल शिक्षा विभाग को सौंपी गई है। लेकिन अब तक इस विषय में कोई जवाब नहीं आया है।- रीना मेहता, प्रधान, ग्राम पंचायत बोंडा।
खंड प्राथमिक अधिकारी को यथा स्थिति से अवगत करवाया गया है। सरकार पशुपालन विभाग से जितनी जल्दी जमीन दिलवाती है, उतना जल्दी स्कूल भवन का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू किया जा सकता है। इस समय विद्यार्थी किराए के कमरों में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। स्कूल निर्माण के लिए 20 लाख रुपये बीडीओ रामपुर कार्यालय के पास जमा हैं। - शांति देवी, मुख्य अध्यापिका, नांनन प्राथमिक स्कूल।
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