World Arthritis Day 2019: बुजुर्गो को ही नहीं किशोरों को भी जकड़ रहा है ये रोग, जानें क्या है कारण
World Arthritis Day 2019 हिमाचल में किशाेरों को भी गठिया रोग घेर रहा है 60 फीसद बुजुर्ग इससे जूझ रहे हैं जबकि महिलाओं की संख्या ज्यादा है।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। World Arthritis Day 2019 प्रकृति के विपरित चलने, दिन को रात और रात को दिन बनाने और खानपान में बदलाव से देवभूमि हिमाचल के लोगों को गठिया लगातार जकड़ता जा रहा है। यही कारण है कि प्रदेश में 15 वर्ष की आयु से बुजुर्गों में यह रोग देखा जा रहा है। हालांकि यह बीमारी पहले बुजुर्गों में ही होती थी, लेकिन अब किशोर भी चपेट में आ रहे हैं। अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों में से सात से आठ ऐसे लोग होते हैं जिनमें गठिया पाया जा रहा है। बुजुर्गों में 60 फीसद लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है।
वर्तमान में लोगों ने दिनचर्या बदल दी है। रातभर जागकर दिन में सोने की प्रक्रिया भी इस रोग की तरफ धकेल रही है। आयुर्वेद के आधार पर गठिया के कारणों में रिफाइंड तेल का अधिक इस्तेमाल, मिलावटी दूध, शारीरिक क्रिया में कमी, पॉलिश वाले चावल खाने और फास्ट फूड इस रोग को बढ़ा रहा है। इससे शरीर को कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, प्रोटीन और विटामिन नहीं मिल पाते हैं। इस वजह से शरीर में फैट बढ़ जाता है।
वहीं रात को जागने और दिन में सोने से शरीर को विटामिन डी नहीं मिल पाता है। इससे हड्डियां कमजोर पड़ जाती हैं। गठिया रोग में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और भयानक पीड़ा होती है। यह रोग सबसे पहले हाथ, पैर के बाद सभी अंगों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण ज्यादातर ठंड और मानसून के मौसम में दिखाई पड़ते हैं।
गठिया रोग के कारण और लक्षण
- असामान्य जीवनशैली
- नशीले पदार्थ का सेवन
- लंबे समय तक एक स्थान पर बैठकर कार्य करना
- खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी एवं फास्ट फूड का सेवन
- जोड़ों के सूजन, अकड़न और लाल हो जाना
- सुबह-सुबह शरीर में अकड़न
- जोड़ों के लचीलेपन में कमी
- वजन घटना और थकान
- मिलावटी दूध, रिफाइंड तेल, पॉलिश
- चावलों के इस्तेमाल के साथ परंपरागत
- खाद्य पदार्थों को छोड़ फास्ट फूड का सेवन
- गठिया रोग को बढ़ा रहा है। स्वास्थ्यवर्धक
- खाना जिसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट व
- विटामिन हो उसके सेवन और व्यायाम करने
- से इस रोग से बचा जा सकता है। स्टीम बाथ
- या मालिश, जैतून के तेल से नियमित रूप
- से मालिश करने पर गठिया के दर्द से काफी
- आराम मिलता है -डॉ. अनुराग विजयवर्गीय, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ
जीवनचर्या में परिवर्तन और फास्ट फूड का अधिक इस्तेमाल करने से युवाओं में गठिया रोग देखने को मिल रहा है। युवा अब दिन को सोते हैं और रात को जागते हैं। इसके साथ नशे ने भी गठिया को बढ़ाया है।
-डॉ. लोकेंद्र शर्मा रॉकी, हड्डी रोग विशेषज्ञ व एमएस डीडीयू शिमला।
world vision day 2019: मोबाइल फोन से टेढ़ी हो रही हैं आंखें
रघुनाथ जी भी करते हैं दातुन, धोते हैं हाथ; पढ़ें कैसे संपन्न होती है उनकी नित्य क्रियाएं