तनावमुक्त करने के लिए बच्चों से संपर्क करें शिक्षक
अनिल ठाकुर शिमला प्रदेश में कोरोना संकट के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं। विद्यार्थी घर

अनिल ठाकुर, शिमला
प्रदेश में कोरोना संकट के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं। विद्यार्थी घर पर आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इस कारण मोबाइल फोन व लैपटाप पर सारा दिन विद्यार्थी व्यस्त रहते हैं। कोरोना कर्फ्यू व अन्य बंदिशों के चलते विद्यार्थी घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। दिनभर मोबाइल फोन व लैपटाप पर पढ़ाई से बच्चों के मानसिक संतुलन पर विपरीत असर न पड़े इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कालेजों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में यूजीसी ने पत्र जारी किया है।
यूजीसी ने कहा है कि बच्चों का मानसिक संतुलन सही रहे, वे घर बैठे मानसिक तनाव का शिकार न हों, इसमें सबसे अहम भूमिका शिक्षक निभा सकते हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति और कालेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वह इस संबंध में अपने स्तर पर कार्य करें। बच्चों से संपर्क साधें, ताकि बच्चों और उनके परिवार का मानसिक स्वास्थ्य सही बना रहे। कई बच्चे ऐसे भी होंगे जिनके माता-पिता की जान कोविड के इस दौर में गई है उनसे भी संपर्क साधें। ऐसे में बच्चों की मानसिक स्थिति पर विपरित असर पड़ा है। इन सब को ध्यान में रखते हुए शिक्षण संस्थानों का यह दायित्व है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से सही रखा जाए, इस दिशा में पहल की जाए।
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हेल्प डेस्क बनाने के दिए निर्देश
यूजीसी ने शिक्षण संस्थान को टास्क फोर्स व हेल्प डेस्क बनाने की सलाह दी है। हेल्पलाइन के माध्यम से बच्चे समस्याओं को शिक्षकों तक पहुंचा सकते हैं और शिक्षक भी उन्हें सही राय दे सकते हैं। इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ व्यवहार को बढ़ावा देना, इसमें स्वच्छता, मास्क पहनना, साबुन से हाथ धोना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, प्रशिक्षण करना, संदिग्ध मामलों का पता लगाना उचित उपचार कराना शामिल है इसमें शिक्षक और कर्मचारी अहम भूमिका निभा सकता है। यूजीसी ने कहा कि एनएसएस और एनसीसी के स्वयंसेवियों की भी इस काम में मदद ली जा सकती है। आनलाइन पढ़ाई के दौरान मोटिवेशनल लेक्चर भी करवाएं। घर में रहते हुए सभी को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।
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यूजीसी की तरफ से सर्कुलर आया है। कोलेज प्रधानाचार्यों को पहले ही इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
-डा. अमरजीत शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा।
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