Shimla News: धारचांदना व शराड़ के स्कूल में शिक्षकों की कमी, पलायन करने को मजबूर हुए छात्र
चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी उपमंडल के धारचांदना और शराड़ स्कूलों में शिक्षकों की कमी से अभिभावक परेशान हैं जिससे छात्रों का पलायन हो रहा है। विज्ञान के छात्रों को अधिक परेशानी हो रही है जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। स्कूल में प्रधानाचार्य सहित कई शिक्षकों के पद खाली हैं जिससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।

क्षितिज सूद, नेरवा। चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धारचांदना व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शराड़ में अध्यापकों की कमी से अभिभावक बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं। इसके चलते विद्यालय से छात्रों ने नेरवा और कुपवी के स्कूलों में दाखिला लेकर पलायन कर चुके हैं।
ग्रामीणों के अनुसार पलायन करने वाले छात्रों में विज्ञान विषय के ज्यादातर छात्र शामिल है। इससे कुछ अभिभावकों को अतिरिक्त आर्थिक परेशानियों से भी गुजरना पड़ रहा है। छात्रों को पढ़ाई के लिए नेरवा व कुपवी में अलग से कमरे लेने पड़ रहे हैं और प्रतिदिन निजी गाड़ियों में आने-जाने का खर्च करना मुश्किल हो रहा है। शिक्षकों की कमी की वजह से इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यम स्कूल धार चांदना में वर्तमान में 169 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं व इस स्कूल में डेढ़ साल से प्रधानाचार्य का पद खाली पड़ा हुआ है, जबकि अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता का पद तीन साल से, इतिहास विषय के प्रवक्ता का पद छह साल से, टीजीटी मेडिकल का पद दस महीने से व चपड़ासी का एक पद दो साल से एवं एक पद पिछले एक महीने से खाली है।
फार्मर एडवाइजरी कमेटी कुपवी के अध्यक्ष तुलसी राम जमालटा इस मुद्दे को प्रदेश कांग्रेस संगठन महासचिव रजनीश किमटा के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर चुके हैं। परंतु विभाग व सरकार की ओर से इन पदों को भरने के लिए कोई मंजूरी नहीं मिली है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल धार-चांदना के अध्यापक अभिभावक संघ के अध्यक्ष हीरा सिंह समटा, राजकीय माध्यमिक स्कूल शराड़ के एसएमसी अध्यक्ष मोहर सिंह एवं छात्रों के अभिभावकों, धार चांदना स्कूल के पूर्व छात्र व जिला शिमला जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष दुला राम हांसटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने का आग्रह किया है ताकि इस दूर दराज व दुर्गम क्षेत्र के छात्रों को शिक्षा से वंचित न रहना पड़े।
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