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    हिमाचल में 592 प्रवक्ता की डिमोशन का आधार बनी अवमानना याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, सारी कार्यवाही थमी

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 11:04 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा विभाग में 592 प्रवक्ताओं के डिमोशन मामले में हाई कोर्ट में लंबित अवमानना याचिका पर रोक लगा दी है। यह रोक हिमाचल सरकार बनाम सतीश कुमार मामले की सुनवाई के बाद लगाई गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक अपील लंबित है, तब तक हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक रहेगी। अब इस मामले में सुनवाई 19 नवंबर को होगी, जिससे राज्य सरकार को अंतरिम राहत मिली है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाई कोर्ट में लंबित अवमानना याचिका की सुनवाई पर रोक लगा दी है। जागरण आर्काइव

    विधि संवाददाता, शिमला : सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा विभाग में 592 प्रवक्ताओं के डिमोशन का आधार बने मुख्य निर्णय पर अमल करवाने को लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में लंबित अवमानना याचिका की सुनवाई पर रोक लगा दी है। यह रोक हिमाचल सरकार बनाम सतीश कुमार मामले में सुनवाई के बाद लगाई गई है।

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    सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि जब तक यह अपील लंबित है तब तक हाई कोर्ट के निर्णय तथा उस पर की जाने वाली अवमानना संबंधी किसी भी कार्यवाही पर रोक रहेगी। इस आदेश से राज्य सरकार को अंतरिम राहत मिली है। अब सुनवाई 19 नवंबर को होगी। 

    विभागीय आदेश के अनुसार नियमित सेवा लाभ का दिया था आदेश

    हाई कोर्ट के निर्णय पर आधारित अन्य याचिका से जुड़ी अवमानना याचिका में 10 सितंबर 2024 को आदेश पारित किया गया था कि टीजीटी शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में संशोधन करते हुए उन्हें 18 जून 2024 के विभागीय आदेश के अनुसार नियमित सेवा लाभ प्रदान किए जाएं। 
    अवमानना याचिका से जुड़ा यह आदेश सतीश कुमार मामले में 27 नवंबर 2021 को दिए गए निर्णय पर आधारित था। 

    इन्हीं आदेश के आधार पर डिमोशन की प्रक्रिया की थी शुरू

    न्यायालय ने कहा था कि 2002 की भर्ती प्रक्रिया में चयनित टीजीटी शिक्षकों को पहली मई 2003 से नियमित सेवा में माना जाएगा तथा उन्हें सभी सेवा संबंधी लाभ दिए जाएंगे, यद्यपि वेतन लाभ नहीं मिलेंगे। इन्हीं दोनों आदेशों के आधार पर शिक्षा विभाग ने 592 प्रवक्ताओं को टीजीटी पद पर डिमोट करने की प्रक्रिया आरंभ की थी, ताकि डीम्ड रेगुलर सेवा लाभ प्रदान करते हुए वरिष्ठता और पदोन्नति सूची पुनः निर्धारित की जा सके। इस विषय पर विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। 

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    वरिष्ठता निर्धारण, पदोन्नति तथा डिमोशन से संबंधित सारी कार्यवाही थमी

    इन टीजीटी अध्यापकों को वरिष्ठता न मिले इसलिए एक पैरा टीचर ने अपील दायर कर सतीश कुमार मामले में दिए निर्णय को चुनौती दी। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने निर्णय पर रोक लगा दी। अब इन दोनों ही न्यायिक आदेशों पर रोक लग जाने से विभागीय स्तर पर वरिष्ठता निर्धारण, पदोन्नति तथा डिमोशन से संबंधित सारी कार्यवाही थम गई है।