गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, हिमाचल सरकार ने SC में की थी अपील
गग्गल हवाई अड्डे की विस्तार परियोजना पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने नौ जनवरी को गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार पर रोक लगाने का आदेश दिया था। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।

पीटीआई, दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में गग्गल हवाई अड्डे की विस्तार परियोजना पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने नौ जनवरी को गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार पर रोक लगाने का आदेश दिया था। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने नौ जनवरी को कांगड़ा जिले में गग्गल हवाई अड्डे की विस्तार परियोजना मामले पर सुनवाई की अगली तारीख यानी 29 फरवरी तक रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने गग्गल हवाई अड्डा विस्तार प्रभावित समाज कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया था। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
अड्डे में साप्ताहिक 70 फ्लाइटें आती हैं
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि गग्गल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डा के विस्तारीकरण पर करीब 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह धनराशि केवल विस्तारीकरण पर खर्च होगी। विस्तारीकरण की जद में आ रहे लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए अलग से बजट होगा। सदन में मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधायक विपिन सिंह परमार के प्रश्न पर बताया कि प्रदेश में अभी तीन हवाई अड्डे हैं। इसमें कांगड़ा हवाई अड्डा सबसे महत्वपूर्ण है। अड्डे में साप्ताहिक 70 फ्लाइटें आती हैं।
भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजे के लिए अलग से होगा बजट
सीएम ने कहा था कि विस्तारीकरण के बाद रनवे को 3100 मीटर किया जाना है। विस्तारीकरण होने से हवाई अड्डा का क्षेत्र पुराना मटौर पर पहुंच जाएगा। योजना के तहत प्रभावित होने वाले लोगों के भूमि का निशानदेही हो चुकी है। जीएसटी के लिए 7060 फर्मों और लोगों को जारी हुए नोटिस सीएम सुक्खू ने विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के जवाब में बताया कि जीएसटी में गड़बड़ी करने वाली 7060 फर्मों और लोगों को नोटिस जारी हुए हैं।
788 करोड़ रुपये अभी लंबित
उन्होंने ये भी कहा था कि हिमाचल प्रदेश माल एवं सेवा कर अधिनियम-2017 के तहत 992.27 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग पाई गई थी। इन लोगों से जुर्माने के तौर पर 204 करोड़ रुपये वसूल किया जा चुका है, जबकि 788 करोड़ रुपये अभी लंबित हैं।
3962 पद रिक्त
प्रदेश में 5258 शिक्षकों के पद हैं रिक्त प्रदेश के स्कूलों में विभिन्न वर्गों के 5258 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसमें टीजीटी नान मेडिकल के 686, टीजीटी मेडिकल के 380, पीजीटी बायोलॉजी के 84, पीजीटी फिजिक्स के 144 व जेबीटी के 3962 पद रिक्त हैं।
जेबीटी के 1703 पद बैचवाइज भरने की प्रक्रिया चल रही
सीएम सुक्खू ने विधायक पवन काजल के सवाल के जवाब में कहा कि टीजीटी मेडिकल के 172 व नॉन मेडिकल के 306 पद बैचवाइज भरे जा रहे हैं, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा पीजीटी फिजिक्स के 53 व बायोलॉजी के 11 पद लोक सेवा आयोग और जेबीटी के 1703 पद बैचवाइज भरने की प्रक्रिया चल रही है।
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