वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में ही सुक्खू सरकार ने लिया 3000 करोड़ का लोन, जानिए इस साल और कितना ऋण ले सकती है सरकार?
हिमाचल सरकार ने मई के अंत में 800 करोड़ रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया था जो अब सरकारी कोष में आ गया है। इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में सरकार 3000 करोड़ रुपये का ऋण ले चुकी है। दिसंबर तक सरकार केवल 3200 करोड़ रुपये का ऋण ले पाएगी। केंद्र सरकार ने हिमाचल की ऋण राशि में 5000 करोड़ रुपये की कटौती की है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार ने मई के अंत में 800 करोड़ रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया था। अब यह राशि सरकार के कोष में पहुंच गई है। प्रदेश सरकार वित्त वर्ष के पहले दो माह में तीन हजार करोड़ रुपये का ऋण उठा चुकी है। दिसंबर तक अगले सात माह में सरकार अब 3200 करोड़ रुपये का ही ऋण ले सकेगी।
सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कुल 6200 करोड़ रुपये का ही ऋण ले सकती है। अंतिम तीन माह के दौरान केंद्र सरकार देश के सभी राज्यों के लिए ऋण राशि का निर्धारण करती है। माना जा रहा है कि अंतिम तिमाही में सरकार को एक हजार करोड़ या इससे कुछ अधिक राशि लेने की अनुमति मिल सकती है।
ऐसे में प्रदेश सरकार 31 मार्च, 2025 तक 7200 करोड़ रुपये ऋण लेने की स्थिति में रहेगी। इस समय प्रदेश सरकार का वेतन-पेंशन सहित देय देनदारियों के लिए 2800 करोड़ रुपये की आवश्यकता रहती है।
मंत्रिमंडल की प्रत्येक बैठक में वित्त विभाग की ओर से राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रस्तुति देकर मंत्रिमंडल सदस्यों को अवगत करवाया जा रहा है। गत माह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर राज्य की ऋण प्रतिशत में वृद्धि करने का मामला उठा चुके हैं।
ऋण में पांच हजार करोड़ रुपये की कटौती
केंद्र ने हिमाचल सरकार की 11 हजार करोड़ की ऋण राशि में पांच हजार की कटौती करके 6200 करोड़ रुपये तक सीमित किया था। प्रदेश सरकार को कोरोनाकाल से 2023 तक पांच प्रतिशत ऋण उठाने की सुविधा प्राप्त थी, लेकिन सरकार अब तीन प्रतिशत ऋण ले सकती है।
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