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    'भूमि अधिग्रहण में देरी से भानुपल्ली-बैरी रेल प्रोजेक्ट पर असर', अश्विनी वैष्णव ने साधा हिमाचल सरकार पर निशाना

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 12:33 PM (IST)

    केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण भानुपल्ली-बैरी रेल परियोजना प्रभावित हो रही है। राज्य ...और पढ़ें

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    प्रदेश सरकार की देरी से भानुपल्ली-बैरी रेल प्रोजेक्ट प्रभावित (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश सरकार के भूमि अधिग्रहण में देरी से भानुपल्ली–बिलासपुर–बैरी प्रोजेक्ट पर असर पड़ा है। यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

    भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी 63 किलोमीटर रेललाइन प्रोजेक्ट को कास्ट शेयरिंग बेसिस पर स्वीकृति दी है। इसमें राज्य सरकार का 25 प्रतिशत व केंद्र सरकार का 75 प्रतिशत हिस्सा होगा।

    70 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि की पूरी लागत राज्य सरकार को उठानी है। प्रोजेक्ट के लिए 6,753 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिसमें 1617 करोड़ रुपये भूमि की लागत शामिल है।

    उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 124 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन राज्य सरकार ने 82 हेक्टेयर दी है। उपलब्ध भूमि पर काम आरंभ हो गया है।

    बिलासपुर से बैरी के आगे राज्य सरकार ने अभी तक भूमि नहीं दी है। इस प्रोजेक्ट पर अब तक 5,252 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

    कास्ट शेयरिंग अरेंजमेंट के मुताबिक, राज्य सरकार को 2,711 करोड़ रुपये देने थे, लेकिन 847 करोड़ ही जमा किए हैं। भारत सरकार प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए तैयार है, लेकिन सफलता राज्य सरकार की सहायता पर निर्भर करती है।

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    केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि नंगल डैम-तलवाड़ा-मुकेरियां नई रेललाइन प्रोजेक्ट का नंगल डैम-ऊना-अंदौरा-दौलतपुर चौक 60 किलोमीटर सेक्शन चालू कर दिया है। दौलतपुर चौक-करटोली पंजाब-तलवाड़ा सेक्शन का काम आरंभ कर दिया है।

    इसके अलावा चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन (28 किलोमीटर) का काम भी 1540 करोड़ रुपये से आरंभ किया है। हिमाचल में रेल कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए बद्दी-घनौली नई रेललाइन (25 किलोमीटर) का सर्वेक्षण पूरा हो गया है और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है।

    बिलासपुर–मनाली–लेह रेललाइन को मिनिस्ट्री आफ डिफेंस ने स्ट्रेटेजिक लाइन के तौर पर पहचाना है। सर्वेक्षण पूरा हो गया है और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है।