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Shimla: नेपाल में बनने वाली विद्युत परियोजना पीडीए पर हस्ताक्षर, सालाना 2901 मिलियन यूनिट होगा बिजली उत्पादन

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल की उपस्थिति में नई दिल्ली में नेपाल में बनने वाली 669 मेगावाट लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना के परियोजना विकास समझौते (पीडीए) पर हस्ताक्षर किए गए।

By Yadvinder SharmaEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Thu, 01 Jun 2023 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jun 2023 08:16 PM (IST)
Shimla: नेपाल में बनने वाली विद्युत परियोजना पीडीए पर हस्ताक्षर, सालाना 2901 मिलियन यूनिट होगा बिजली उत्पादन
एसजेवीएन ने आईबीएन नेपाल सरकार के साथ पीडीए पर किए हस्ताक्षर : जागरण

राज्य ब्यूरो, शिमला: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल की उपस्थिति में नई दिल्ली में नेपाल में बनने वाली 669 मेगावाट लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना के परियोजना विकास समझौते (पीडीए) पर हस्ताक्षर किए गए।

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एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा और नेपाल निवेश बोर्ड नेपाल सरकार के सीईओ सुशील भट्टा ने पीडीए पर नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर एसजेवीएन के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना को 7 से 8 वर्षों के भीतर निष्पादित कर एक माडल हाइड्रो परियोजना बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एक बड़ी उपलब्धि के रूप में एसजेवीएन द्वारा इस परियोजना की डीपीआर रिकार्ड समय में तैयार की गई है और दोनों सरकारों द्वारा इसे अब तक की सबसे न्यूनतम अवधि में मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा कि परियोजना का निर्माण पांच साल में 5792 करोड़ रुपये की लागत से 4.99 रुपये प्रति यूनिट टैरिफ के साथ किया जाएगा। परियोजना बीओओटी के आधार पर विकसित की जाएगी। कमीशनिंग उपरांत यह परियोजना सालाना 2901 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी।

इसके अलावा, एसजेवीएन विद्युत निकासी और भारत को निर्यात करने के लिए 217 किलोमीटर लंबा संबद्ध ट्रांसमिशन नेटवर्क भी विकसित कर रहा है। 669 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना नेपाल के संखुवासभा और भोजपुर जिलों में स्थित है।

एसजेवीएन ने फरवरी 2021 में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से परियोजना हासिल की थी और जुलाई 2021 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। 900 मेगावाट अरुण 3 एचईपी की टेल रेस निर्माण होने के परिप्रेक्ष में इस परियोजना में कोई जलाशय या बांध नहीं होगा और अरुण-3 परियोजना के साथ टेंडम आपरेटिंग सिस्टम के रूप से प्रचालन करेगी।

एसजेवीएन पहले से ही हिमाचल में कर रहा है संचालन

एसजेवीएन पहले से ही हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े भूमिगत 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन का 412 मेगावाट रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन के साथ टेंडम में संचालन कर रहा है। नन्द लाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निरंतर मार्गदर्शन मिलने और विकास भागीदार के रूप में एसजेवीएन में विश्वास दिखाने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल का आभार व्यक्त किया।

2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट परियोजनाओं का रखा लक्ष्य

वर्तमान में एसजेवीएन नेपाल में 2059 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं का निष्पादन कर रहा है। 900 मेगावाट अरुण-3 एचईपी का निर्माण के अग्रिम चरण में है और 490 मेगावाट, अरुण-4 एचईपी एसजेवीएन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण द्वारा संयुक्त उद्यम मोड में विकसित किया जाएगा। एसजेवीएन ने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट परियोजनाओं का लक्ष्य रखा है।


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