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    शिमला-मनाली की तरह यहां भीड़ नहीं, सुकून और शांति के लिए चले आएं शिपकी ला; पढ़ें क्यों खास है यह जगह

    By Anil ThakurEdited By: Prince Sharma
    Updated: Tue, 24 Jun 2025 04:09 PM (IST)

    Shipki La Famous Tourist Place: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा 10 जून को शुरू किए गए सीमा पर्यटन के बाद शिपकी ला चीन सीमा पर एक नया लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है। केवल 13 दिनों में 1,800 पर्यटक यहां आ चुके हैं। यह पहल हिमाचल में पर्यटकों की संख्या बढ़ा रही है। यहां पर्यटक नमज्ञा गांव की संस्कृति और आईटीबीपी व सेना के जवानों के जीवन को करीब से जान सकते हैं। प्रशासन पर्यटकों की सुविधा के लिए बदलाव कर रहा है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है।  

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    सुकून और शांति के लिए चले आएं शिपकी ला (File Photo)


    अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Shipki La: सीमा पर्यटन की शुरुआत के बाद चीन की सीमा के साथ शिपकी ला (Shipka La) पर्यटकों के लिए एक नया पर्यटन स्थल बन गया है। इस पहल से हिमाचल में पर्यटकों का आगमन भी बढ़ने लगा है।

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    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 10 जून को शिपकी ला से सीमा पर्यटन की शुरुआत हुई थी। महज 13 दिन के भीतर शिपकी ला में 1,800 पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं। जैसे-जैसे लोगों को इसकी जानकारी मिल रही है वे यहां घूमने आ रहे हैं। टुअर एंड ट्रैवल एजेंसियों ने भी पैकेज में इस क्षेत्र को शामिल कर दिया है।

    प्रशासन आने वाले समय में इसमें कुछ और बदलाव करेगा, ताकि पर्यटकों का यहां पहुंचना और सुगम हो सके। पर्यटक देश के प्रथम गांव नमज्ञा के लोगों का रहन-सहन, खानपान, संस्कृति व वेषभूषा को जान रहे हैं। शिपकी ला भारत-तिब्बत-चीन के बीच व्यापार का सदियों पुराना रूट है।

    आइटीबीपी और सेना के जवान सर्दियों में माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और गर्मियों में तेज धूप में कैसे सरहद की रक्षा करते हैं इसके बारे में न केवल जानते हैं बल्कि यहां पहुंचकर महसूस भी करते हैं। शिपकी ला में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। यहां पर इंदिरा प्वाइंट बनाया गया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एलएसी तय करते समय यह बनवाया था। यहां सीमा पर गेट बना हुआ है और तारबंदी है। आगे पूरा क्षेत्र खाली है। यहीं से 500 मीटर आगे चीन अधिकृत तिब्बत का शिपकी गांव है।

    सीमा पर्यटन की शुरुआत होने के बाद काफी पर्यटक शिपकी ला पहुंच रहे हैं। पहला गांव नमज्ञा है वहां की तरफ अभी पर्यटक नहीं आ रहे हैं। जब पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी तो रेस्तरां, ढाबे, होम स्टे गांव के लोग बनाएंगे जिससे उनकी आमदनी होगी।

    -बलदेव सिंह नेगी, प्रधान नमज्ञा पंचायत।

    बैठक में जानी समस्याएं

    सीमा पर्यटन की शुरुआत की समीक्षा को लेकर वर्चुअल बैठक हुई। इसमें किन्नौर जिला प्रशासन, सेना व आइटीबीपी के अधिकारी व नमज्ञा पंचायत प्रधान बलदेव मौजूद रहे। बसीमा पर्यटन की शुरुआत के बाद दिक्कतों की पर चर्चा की गई। तीन बजे तक जाने की अनुमति शिपकी ला जाने के लिए कुछ राहत दी गई है। पहले यह तय किया गया था कि एक दिन में 50 लोग ही जाएंगे। अब दोपहर तीन बजे तक आने वालों को जाने की अनुमति है। हालांकि यदि वाहन ज्यादा हो जाएं तो कुछ अंतराल के लिए उन्हें रोका जाता है, ताकि जाम न लगे।

    सीमा पर्यटन की शुरुआत के बाद पर्यटकों का आगमन काफी बढ़ गया है। 10 दिन के भीतर एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी। गांव के लोगों को भी पर्यटन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए ईको पर्यटन सोसायटी गठित की जाएगी। यहां के लोगों का हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद बिके, गांव में होने वाले ड्राइफ्रूट, सेब व अन्य फलों को लोग बेच सकें इसकी भी व्यवस्था की जाएगी।

    -डॉ. अमित शर्मा, उपायुक्त किन्नौर।