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    हिमाचल की राजधानी शिमला में स्थित है 138 साल पुराना गेयटी थिएटर, यहां से निकले हैं कई सितारे; जाने क्या है खासियत

    Updated: Sun, 08 Jun 2025 01:36 PM (IST)

    शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थियेटर 138 सालों से स्थानीय कलाकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है। 1887 में स्थापित इसने पृथ्वीराज कपूर बलराज साहनी और अनुपम खेर जैसे कलाकारों को बॉलीवुड तक पहुंचाया। कई कलाकारों ने गेयटी में अपने करियर की शुरुआत की। हिमाचल का रंगमंच अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है जहां दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में युवा कलाकार नाम कमा रहे हैं।

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    शिमला में स्थित 138 साल पुराना गेयटी थिएटर

    नर्वदा कौंडल, शिमला। राजधानी शिमला का गौथिक शैली में बना 138 साल पुराना ऐतिहासिक गेयटी स्थानीय कलाकारों का शिमला से बॉलीवुड तक का सफर का साधन रहा है। 30 मई 1887 में खुले गेयटी थियेटर को कई बड़े और नामचीन कलाकारों का जन्मस्थल भी माना जाता है।

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    1950 से 1970 के बीच गेयटी में कई नाटक हुए। गेयटी में रंगमंच की दुनिया के सबसे चमकते सितारों में से एक अभिनेता पृथ्वीराज कपूर, राबर्ट बैडेन पावेल, बलराज साहनी, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, प्रेम चौपड़ा, स्वर्गीय मनोहर लाल, महान गायक कुंदन लाल सहगल सहित राशिद खान सहित कई कलाकार नाटकों का मंचन कर चुके हैं। इनमें से अनुपम खेर, प्रेम चोपड़ा व स्वर्गीय मनोहर लाल ने तो यहीं से अपना सफर शुरू किया।

    इसमें पृथ्वी राज, शशि कपूर, प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी, प्राण, मदन पुरी सहित अनेक कलाकार अपनी अदाकारी के जलवे बिखेर चुके हैं। इन्होंने फिल्म जगत में बड़ा नाम कमाया है। नोबेल पुरस्कार विजेता रुडयार्ड किपलिंग भी इस थियेटर में नाटक कर चुके हैं। इसी मंच पर अंग्रेजी कलाकारों ने अपनी भावनाओं को नाटक के माध्यम से साझा किया था।

    वहीं प्रसिद्ध कलाकार स्वर्गीय मनोहर लाल ने अपने जीवन का पहला कदम यहीं से शुरू किया था। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित केदार ठाकुर ने बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से रंगमंच के लिए आडिटोरियम व मंच का सहयोग मिलता रहता है। हिमाचल में रंगमंच को पुनर्जीवित करने और युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

    वह थियेटर को केवल एक कलात्मक अभिव्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में विकसित करने के साथ-साथ बच्चों और युवाओं को थियेटर से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

    आज हिमाचल का रंगमंच राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, भोपाल, अहमदाबाद, जयपुर और चंडीगढ़ प्रमुख रंग केंद्रित प्रतिष्ठित शहरों में हिमाचल के युवा नाम कमा रहे हैं। शिमला से संबंध रखने वाले अनुपम खेर, मनोहर लाल, विजय कश्यप, रोहिताश्व गौड़ फिल्म नगरी में कार्य कर चुके व कर रहे हैं।

    इसके अलावा सौरव अग्निहोत्री और धीरेंद्र रावत भी शिमला रंगमंच में कार्य कर मुंबई में संघर्षरत हैं। युवा कलाकार रुपेश भीमटा, श्रुति रोहटा तनु भारद्वाज, नीरज पराशर, संजय सूद, 38 वर्षों से रंगमंच से जुड़ी सीमा शर्मा, दक्षा शर्मा, राम पल मालिक, इंदु राज इंदु, दीप कुमार, वेद कुमार और मनजीत, विनोद शर्मा, अभिषेक डोगरा और शिवांगी रघु, संजीव अरोड़ा और हेमंत अत्री, रजत कुमार, दयाल प्रसाद, सुनील समियाल, डा. हर्षा राणा, अक्षय राजपूत और निकिता डडवाल, दीपांशी रंगमंच गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान है।