शिमला: संजौली मस्जिद को तोड़ने का आदेश, वक्फ बोर्ड अदालत में पेश नहीं कर पाया दस्तावेज; ढांचा अवैध करार
शिमला की संजौली मस्जिद को अदालत ने अवैध घोषित करते हुए तोड़ने का आदेश दिया। वक्फ बोर्ड मस्जिद के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज पेश करने में विफल रहा, जिसके कारण अदालत ने ढांचे को अवैध करार दिया। अब इस मस्जिद को तोड़ा जाएगा।

शिमला में संजौली मस्जिद का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में बहुचर्चित संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने नगर निगम शिमला की अदालत के फैसले को बरकरार रखने हुए मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया है। जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए नगर निगम अदालत के फैसले को सही ठहराया।
मामले में वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी ने नगर निगम अदालत के फैसले को चुनौती दी थी लेकिन जिला अदालत में भी वक्फ बोर्ड मस्जिद को लेकर कोई पुख्ता दस्तावेज पेश नहीं कर पाया, जिस पर जिला अदालत ने नगर निगम अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।
दस्तावेज पेश नहीं कर पाया वक्फ बोर्ड
जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया। वक्फ बोर्ड अदालत में मस्जिद के संबंध में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया।
संजौली में बनी मस्जिद पूरी तरह से अवैध : अधिवक्ता
संजौली मस्जिद मामले में स्थानीय लोगों के अधिवक्ता जगत पाल ने बताया कि संजौली में बनी पूरी मस्जिद अवैध है और अब जिला अदालत ने भी नगर निगम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। ऐसे में अब नगर निगम शिमला इस अवैध ढांचे को जल्द गिराने का काम करे, ताकि संजौली क्षेत्र के लोगों की भावनाएं और ज्यादा आहत न हो।
नगर निगम आयुक्त ने दिया था मस्जिद गिराने का आदेश
शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने तीन मई 2025 को मस्जिद गिराने का फैसला दिया था, जिसे वक्फ बोर्ड ने चुनौती दी। नगर निगम आयुक्त ने मस्जिद की निचली दो मंजिलें भी गिराने का आदेश दिया था। इससे पहले मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने का आदेश गत वर्ष पांच अक्टूबर को सुनाया जा चुका है।
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क्या है पूरा मामला
जिला शिमला के मतियाणा में युवकों की पिटाई के बाद संजौली मस्जिद विवाद उठा था और हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था। 11 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने की पेशकश की थी। पांच अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद की तीन मंजिलें तोड़ने को मंजूरी दी। इसके बाद तीन मई 2025 को नीचे की दो मंजिलें भी गिराने का आदेश दे दिया गया था। इस निर्णय के विरुद्ध वक्फ बोर्ड व मस्जिद कमेटी जिला अदालत में पहुंची थी, आज 30 अक्टूबर 2025 को जिला अदालत ने भी ढांचे को अवैध करार देते हुए गिराने का आदेश दिया है।

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