शिमला में 1734 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा रोपवे, एशिया में सबसे बड़ा होगा 13 KM लंबा यह प्रोजेक्ट
शिमला में बन रहे विश्व के दूसरे सबसे लंबे रोपवे की लागत 1734.40 करोड़ से बढ़कर 2296 करोड़ हो गई है जिससे राज्य सरकार की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है। RTDC संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट को भेजेगा। 13.79 किमी लंबा यह रोपवे 15 स्टेशनों को जोड़ेगा जिससे यात्री 12-15 मिनट में दूरी तय कर सकेंगे। परियोजना में हरित ऊर्जा का भी उपयोग किया जाएगा।

अनिल ठाकुर, शिमला। राजधानी शिमला में विश्व का दूसरा और भारत व एशिया का सबसे लंबा रोपवे यानि रज्जू मार्ग की लागत बढ़ गई है।
पहले यह परियोजना 1734.40 करोड़ से तैयार होनी थी। इसमें करीब 3 साल का विलंब हो चुका है। जिससे इसकी लागत 2296 करोड़ पहुंच चुकी है। लागत बढ़ने से राज्य सरकार को भी अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ गई है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) पोषित इस परियोजना में 20 फीसदी हिस्सेदारी राज्य सरकार की है। 1734 करोड़ के अनुसार हिमाचल सरकार को 346.80 करोड़ खर्च करना था। लेकिन लागत अब 2296 करोड़ पहुंचने के बाद राज्य की हिस्सेदारी बढ़कर 459.2 करोड़ पहुंच गई है।
हिमाचल प्रदेश रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आरटीडीसी) अब इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा।
कैबिनेट मंजूरी के बाद इसकी डीपीआर को संशोधित करके न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), केंद्र सरकार के आर्थिक मामले मंत्रालय को भेजनी पड़ेगी।
एनडीबी इसके लिए ऋण देगा। ऐसे में राज्य सरकार इस मामले को दोबारा से केंद्र सरकार और एनडीबी के समक्ष उठाना पड़ेगा। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ये सारी प्रक्रिया शुरू होगी।
कंपनी ने 2700 का रेट दिया था
हिमाचल प्रदेश रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन ने इसके लिए टेंडर जारी कर निविदाएं मांगी थी। तीन बार इसके लिए टेंडर जारी किए गए। एक ही कंपनी क्वालिफाई हुई। कंपनी ने 2700 करोड़ की बिडिंग की थी।
कंपनी के पदाधिकारियों के साथ नेगोशिएशन बैठक में 2296 करोड़ की लागत तय हुई है। कंपनी सपष्ट कर चुकी है कि 1734.40 करोड़ में यह परियोजना तैयार नहीं हो सकती। कंपनी का कहना है कि जब इसकी डीपीआर तैयार की थी तब कीमतें कुछ और थीं।
अब पुरानी कीमत पर परियोजना बनाना घाटे का सौदा है। इस परियोजना के निर्माण में अभी और विलंब हो सकता है।
13.79 किमी लंबा है रोपवे
तारादेवी से शिमला के बीच बनने वाले रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर है। इसके निर्माण पर 1734.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रोपवे से शिमला शहर के 15 स्टेशन को जोड़ेगा। जो कंपनी इसका निर्माण करेगी अगले पांच सालों तक वह इसकी मरम्मत (मेंटेनेंस) का काम भी देखेगी।
रोपवे से लोग 12 से 15 मिनट के भीतर 13.79 किलोमीटर का सफर तय कर सकेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन आरडी नजीम ने कहा कि परियोजना की लागत बढ़ गई है। इस मामले को दोबारा कैबिनेट में रखा जाएगा।
यह हैं इस प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु
इस प्रोजेक्ट की खास बात है कि एक घंटे में दो हजार लोग इससे सफर कर सकेंगे। रज्जू मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरुआती तौर पर रहेगी।
दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे। परियोजना को हरित ऊर्जा के लिए जोड़ा जाएगा। जहां पर स्टेशन स्थापित होंगे वहां भी सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे।
यहां चिह्नित किए गए हैं रोपवे के बोर्डिंग स्टेशन
तारादेवी, चक्कर, टुटीकंडी पार्किंग, आइएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, आइसीआर, लक्कड़ बाजार, आइजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास रोपवे के बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।