Himachal News: शिमला में बारिश का कहर जारी, जर्जर सड़कों से बागवानों के भी हाल बेहाल
शिमला जिले में बारिश के कारण संपर्क सड़कें खराब हैं जिससे सेब बागवानों को भारी परेशानी हो रही है। ठियोग चौपाल कोटखाई रोहड़ू जैसे क्षेत्रों में सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। बागवानों को मंडियों तक सेब पहुंचाने में दिक्कत हो रही है क्योंकि वाहन चालक अधिक किराया मांग रहे हैं।

जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला जिला में वर्षा के कारण संपंर्क सड़कों की हालत बेहद नाजुक है। जिला में इन दिनों सेब सीजन जोरों पर है।
ऐसे में सड़कों की खस्ताहालत के कारण बागवानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला के ठियोग, चौपाल, कोटखाई, रोहड़ू, कुमारसैन में कई संपंर्क सड़कें खस्ताहाल में है। वर्षा के पानी से सड़क के गड्ढे तालाब में तब्दील हो गए है।
ऐसे में वाहन चालकों को यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि कहां कितना बड़ा गड्ढा है। इसके कारण सड़क हादसों के बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।
कई क्षेत्रों में मुख्य सड़क तक आधी आधी पिकअप लानी पड़ रही है। इससे जहां बागवानों को गाड़ी की लोड़िंग एवं अन लोड़िंग के लिए मजदूरों को ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं, तो वहीं पिकअप का किराया भी बढ़ जाता है।
कई क्षेत्रों में वाहन चालक खराब सड़क होने के कारण ज्यादा किराए की मांग कर रहे है। इससे बागवानों को परेशानियों में इजाफा हो गया है।
ठियोग के बागवान रितेश ठाकुर, विजय कंवर, सुमित चंदेल और प्रकाश शर्मा का कहना है कि बरसात से पहले सड़कों की हालत में सुधार नहीं किया गया।
ऐसे में अब भारी वर्षा से परेशानियां बढ़ गई है। खराब सड़कों के कारण जहां बागवानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं, तो वहीं सड़क हादसों के होने की संभावना भी बढ़ गई है। संपंर्क सड़कों के साथ कई जगहों पर मुख्य सड़कों की हालत भी नाजुक है।
ठियोग में क्यार से माहौरी के लिए जाने वाली सड़क की हालत काफी खस्ता है। इसी तरह से कोटखाई में हुल्ली से देवगढ़ सड़क गडढ़ों से भरी है। यह दोनों सड़कें सेब बागवानों के लिए सेब को मंडियों तक पहुंचाने का मुख्य मार्ग है।
सडकों की हालत में हो सुधार
बागवानों ने सरकार एवं विभाग से मांग उठाई है कि सड़कों की हालत में सुधार किया जाए। सीजन के दौरान सड़कों में जहां पर भी गड्ढे है, उन गड्ढों को भरा जाए।
बागवानों का कहना है कि सेब सीजन अभी शुरू ही हुआ है। इन क्षेत्रों में सितंबर माह तक सेब सीजन चलता है, ऐसे में अगर सड़कों की हालत में सुधार नहीं किया जाता है, तो आने वाले सीजन में बागवानों की परेशानियां बढ़ जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।