शिमला में दर्दनाक हादसा, नाले में बहने से मां-बेटी की मौत; गोभी की फसल को बंदरों से बचाने गई थी
शिमला के जुन्गा में गोभी की फसल को बचाने गई मां-बेटी की नाले में बहने से दुखद मौत हो गई। भारी वर्षा के कारण राज्य में 2144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कई सड़कें बंद हैं और बिजली आपूर्ति बाधित है। मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। जानमाल की हानि हुई है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला जिला के जुन्गा में गोभी की फसल को बंदरों से बचाने गई मां-बेटी की नाले में बहने से मौत। नाले में पानी अधिक होने के कारण 40 वर्षीय लीला देवी और उसकी 10 वर्षीय बेटी शीतल बह गईं। दोनों के शव मिल गए हैं।
14 और 15 अगस्त को शिमला के कई स्थानों पर भारी वर्षा हुई। उधर शाली टिब्बा के आसपास बहुत अधिक वर्षा के कारण कई घरों में गाद भरने के अलावा बागीचों को नुकसान हुआ है। उधर तत्तापानी में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल को नुकसान हुआ है।
यह नहीं सड़क को भी नुकसान हुआ है। आसपास के घर खाली करवाए गए हैं। प्रदेश में नुकसान का आकलन पहुंच 2144 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
प्रदेश में दो एनएच जिनमें किन्नौर में एनएच 05, कुल्लू में एनएच 305 सहित 313 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 20 अगस्त तक वर्षा से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि कुछ कमी अवश्य आएगी।
17 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर और 18 अगस्त को कांगड़ा और सिरमौर में कुछ एक स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में बंद सड़कों में मंडी में 175, कुल्लू में 63, कांगड़ा में 25, शिमला में 13, चंबा में 12, शिमला और सिरमौर में 7-7 सड़कें बंद हैं। इन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके कारण आवाजाही प्रभावित है। उधर सेब सीजन के दौरान सड़कों के बंद होने से बागबानों को बाजार तक सेब पहुंचाने में मुश्किल आ रही है। प्रदेश में 348 ट्रांसफार्मर खराब हैं। जिसके कारण बिजली आपूर्ति बंद है और कई गांव अंधेरे में है।
मंडी में 322, कुल्लू में 7, किन्नौर में 6 ट्रांसफार्मर खराब हैं। प्रदेश में श्री नैनादेवी जी में 161, पालमपुर में 101, पंडोह में 72 मंडी में 62 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
नुकसान का आकलन पहुंचा 2144 करोड़
प्रदेश में 20 जून से लेकर अभी तक 2144 करोड़ के नुकसान का आकलन किया जा चुका है। अभी तक 136 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन व अन्य कारणों से मौत हो चुकी है। प्रदेश में बादल फटने की अभी 34, अचानक बाढ़ की 74 और भूस्खलन की 61 घटनाएं हुई हैं।
प्रदेश में 566 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और 1819 मकानों 360 दुकानों और 2174 गौशालाओं को नुकसान हुआ है।
स्थान न्यूनतम अधिकतम
शिमला 17.8 21.8
सुंदरनगर 23.3 30.4
भुंतर 21.0 31.3
कल्पा 15.5 23.8
धर्मशाला 21.7 28.0
ऊना 20.0 31.4
नाहन 21.1 25.3
केलंग 12.4 26.8
सोलन 20.8 27.0
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