शिमला शहर में कल चलेंगी निजी बसें, अब नहीं होगी हड़ताल, बैठक के बाद माने चालक व परिचालक
शिमला शहर में निजी बस चालक और परिचालक संघ की हड़ताल अब नहीं होगी। संघ और प्रशासन के बीच हुई बैठक में सहमति बनने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई है। कल से शहर में निजी बसें सामान्य रूप से चलेंगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।

शिमला शहर में कल निजी बसें नहीं चलेंगी। बसों पर स्टिकर भी लगाए हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में सोमवार को अब निजी बस संचालकों की हड़ताल नहीं होगी। विभागीय अधिकारियों से बैठक के बाद निजी बस संचालक संघ एवं निजी बस चालक एवं परिचालक संघ ने हड़ताल नहीं करने का फैसला किया है।
शिमला सिटी प्राइवेट बस आपरेटर संघ व निजी बस चालक परिचालक रविवार को आरटीओ शिमला, अतिरिक्त निदेशक परिवहन एचआरटीसी के पदधिकारियाें और पदाधिकारियों के साथ हुई।जिसमें दोनों सहमति 40 किलोमीटर की बसें शहर में नहीं आएगी। अन्य मांगों को सरकार को भेजा जाएगा।
निजी बस चालक परिचालक संघ ने हड़ताल समाप्त हो गई। यह जानकारी शिमला सिटी निजी बस आपरेटर संघ के महासचिव सुनील चौहान ने दी है। बैठक में एचआरटीसी के सीजीएम पंकज सिंघल, डीएम शिमला देवासेन नेगी और आरटीसी शिमला मौजूद रहे।
बता दें कि इससे पहले निजी बस संचालकों ने शहर में सोमवार से हड़ताल करने का फैसला लिया था। इस बारे में शनिवार को ही निजी बस चालक एवं परिचालक संघ की ओर से ऐलान कर दिया गया था। इसके अलावा शहर की बसों पर हड़ताल के पोस्टर भी चिपकाए गए थे, लेकिन अब हड़ताल करने का फैसला बदल दिया गया है। निजी बस आपरेटर मांग कर रहे थे कि शहर में 40 किलोमीटर के दायरे के बाहर से आने वाली बसों को पुराना बस स्टैंड की बजाए सीधे आइएसबीटी भेजा जाए।
यह थी संघ की मुख्य मांगे
संघ का कहना था किइसके लिए शहर के 40 किलोमीटर के बाहर के दायरे से आने वाली बसों को पुराना बस स्टैंड की बजाए सीधे आइएसबीटी भेजने की मांग चालक परिचालक संघ ने उठाई थी, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा एचआरटीसी की स्कूल डयूटी वाली बसें सवारियां उठाती है, इसके कारण आए दिन एचआरटीसी एवं निजी बस चालक परिचालकों की लड़ाई होती है। डीजल डालने एवं चार्जिंग करवाने के लिए वर्कशाप की गई बसें भी आते जाते समय रास्ते से सवारियां उठा लेती है। इसे अलावा पुराना बस स्टैंड में निजी बस चालक परिचालकों के लिए रेस्टरूम की मांग की गई थी, यह मांग भी अभी तक पूरी नहीं हुई है।
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