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    Himachal Eco Tourism: शहर से दूर प्राकृतिक की छांव में घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे पर्यटक, हिमाचल ने विकसित की 13 नई साइटें

    Updated: Wed, 17 Jan 2024 06:33 PM (IST)

    देश विदेशों से हिमाचल घुमने आए सैलानियों के लिए खुशखबरी है। अब हिमाचल में महंगे होटलों के बजाय पर्यटक हरी भरी प्रकृती की गोद में सुकून ले पाएंगे। राज्य सरकार ने प्रदेश में 13 नई ईको टूरिज्म साइट्स विकसित की है। खुद इन साइट को चलाने के बजाए इसके लिए निविदाएं मांगी है। निजी क्षेत्र के सहयोग से इन साइट को चलाया जाएगा।

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    शहर से दूर प्राकृतिक की छांव में घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे पर्यटक

    अनिल ठाकुर, शिमला। सुकून की तलाश में देश विदेश से शिमला घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। शहर के बीचों बीच होटलों में रहने के बजाए वे अब पर्यटक अब प्राकृतिक की गोद में ही आराम से अपनी छुट्टियां बिता सकेंगे। राज्य सरकार ने प्रदेश में 13 नई ईको टूरिज्म साइट्स विकसित की है। खुद इन साइट को चलाने के बजाए इसके लिए निविदाएं मांगी है। निजी क्षेत्र के सहयोग से इन साइट को चलाया जाएगा। 

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    12 फरवरी तक दे सकते हैं आवेदन

    मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में वन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए थे कि इको टूरिज्म साइट का मास्टर प्लान तैयार करें। अब इसके लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। यह साइट विकसित कर दी गई है, निजी क्षेत्र के सहयोग से इन्हें चलाया जाएगा। प्रधान सचिव वन अमरदीप अमनदीप गर्ग की मंजूरी के बाद ईको टूरिज्म सोसायटी ने इसके लिए 12 फरवरी तक आवेदन मांगे हैं। इच्छुक पार्टियां यदि इन साइट को चलाने में रूची रखती है तो वह इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। यहां पर अब टूरिज्म की दृष्टि से कारोबार शुरू होगा।

    यहां पर बनेगी साइट

    पालमपुर वन मंडल के तहत सवार, सौरव वन विहार, नियुगल पार्क, बीड़ बिलिंग में 4 इको टूरिज्म साइट बनाई जाएगी।इसी तरह कुल्लू वन मंडी में एफआरएच कैसधार, पार्वती वन मंडी के कसोल, सुमारपा, शोजा, कुल्लू वन मंडी में बनेगा। इसी तरह कोटगढ़ वन मंडल में नारकंडा, शोघी कैंपिंग साइट, पोर्टल हिल शिमला डिवीजन में होगा। जबकि मंडी में गंगा नाल पराशर में भी ईको टूरिज्म साइट बनेगी

    12 फरवरी तक मांगी निविदाएं

    ईको टूरिज्म सोसायटी ने इसके लिए इच्छुक लोगों से निविदाएं आमंत्रित की है। 12 फरवरी तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आवेदनों की छंटनी होगी और साइट का चयन होगा।

    प्रदेश में पहले भी चल रही कई इको टूरिज्म साइट

    प्रदेश में कई स्थानों पर पहले से ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट्स पर कारोबार चल रहा है। बड़ोग कैंपिंग साइट सोलन, चेवा स्वचयनित साइट सोलन, मोतीकूना स्व चयनित साइट सोलन और डलहौजी के आला में ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।

    बढ़ेगा पर्यटन, स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार

    मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विभाग को इन साइट का मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में इससे पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। जब पर्यटक आएंगे तो रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाती है। सरकार इन प्रोजेक्ट्स में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर भी काम कर रहा है।