Shimla News: चौपाल में दलदल में फंसी स्कूल की बच्ची, जान जोखिम में डाल कर पाठशाला पहुंच रहे लोग
चौपाल में गत दिनों हुई बारिश ने सड़कों की हालत इतनी खराब कर दी है कि कुछ सड़कों का तो नामोनिशान ही मिट गया है। इन दिनों बरसात तो थम गई है लेकिन गत दिन ...और पढ़ें

शिमला, जागरण संवाददाता। शिमला के उपमंडल चौपाल (Chaupal) में गत दिनों हुई बारिश ने सड़कों (Road Block in Shimla Due to Rain) की हालत इतनी खराब कर दी है कि कुछ सड़कों का तो नामोनिशान ही मिट गया है। इन दिनों बरसात तो थम गई है, लेकिन गत दिनों भी बारिश ने इतने जख्म दिए हैं कि इन्हें भरते-भरते महीनों लग जाएंगे। इसका सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर पड़ रहा (School Students Facing Problems) है, यदि स्कूल न जाएं तो पढ़ाई प्रभावित होती है, यदि स्कूल जाएं तो जान जोखिम में डालकर पहुंचना पड़ रहा है।
दलदल में फंसी स्कूल की बच्ची
ऐसा ही कुछ कराटी स्कूल की छात्रा के साथ हुआ। चौपाल उपमंडल की ग्राम पंचायत लिंगजार में गत दिवस शाम को राजकीय उच्च विद्यालय लिंगजार की 12 वर्षीय छात्रा सोनल पुत्री प्रेम सिंह गांव जुबाचड (लिंगजार), डाकघर सराह तहसील चौपाल रास्ते में भूस्खलन होने के कारण बने दलदल में फंस गई थी।
सुरक्षित निकाला बाहर
छठी कक्षा की यह पिछले कल स्कूल की छुट्टी होने पर हर रोज की भांति 4 बजकर 30 के करीब लिंगजार स्कूल से अन्य बच्चों के साथ अपने घर ''जुबाचड'' जा रही थी। अपने घर पहुंचने से पहले रास्ते में भूस्खलन होने के कारण हुए दलदल में दो छात्राएं फंस गई थी। एक छात्रा तो तुरंत निकलने में कामयाब हो गई परंतु सोनल की टांगें दलदल में फंस गई। पास में ही जुबाचड के ग्रामीणों व सोनल के घर वालों ने उसे दलदल से सुरक्षित बाहर निकाला।
स्कूल जाने में होती है दिक्कत
सोनल के घर से स्कूल की दूरी 3 किलोमीटर है। चौपाल उपमंडल में भले ही बारिश का क्रम कुछ हद तक कम हुआ है, लेकिन अभी भी हालात बिगड़े हुए है। ऐसा ही ग्राम पंचायत थुंदल में भी स्कूल पहुंचने के लिए छात्रों को जान हथेली पर रखकर स्कूल जाना पड़ता है। यह छात्राएं कराटी स्कूल की हैं जो रोजाना इसी रास्ते से स्कूल आते जाते हैं, लेकिन बारिश ने इनके रास्ते को बुरी तरह से तहस नहस कर दिया है। जिस वजह से इन्हें स्कूल और वापस घर पहुंचने में की खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बच्चों के लिए जानलेवा बने रास्ते
उपमंडल चौपाल के कराटी स्कूल वाला रास्ता बच्चों के लिए जानलेवा बना हुआ है। बहरहाल, सरकार की तरफ से मुख्य मार्गों और संपर्क मार्गों के लिए धनराशि जारी कर दी है, लेकिन बड़ा एवं अहम सवाल यह है कि ऐसे रास्ते जिसमें या तो नन्हे बच्चे फंस रहे है या फिर बच्चों का चलना भी दुश्वार है, उन रास्तों को कौन ठीक करेगा। बच्चे बड़ी मुश्किल से स्कूल आ-जा रहे हैं। अभिभावकों को चिंता सताती है कि शाम को बच्चे सुरक्षित घर पहुंचेंगे या किसी मुसीबत में न फंस जाएं।
बीडीओ चौपाल को सभी मार्ग ठीक करने के निर्देश दिए गए है और उन्होंने सभी अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों को स्कूल जाने और वापस आने की निगरानी रखे और नदी-नाले व खराब रास्तों के चलते उन्हें स्वयं स्कूल छोड़े और वापस घर पहुंचाए।
नारायण चौहान, एसडीएम, चौपाल।

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