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    हिमाचल के विमल नेगी को मिलेगा न्याय! दिल्ली में सीबीआई ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला किया दर्ज; SIT गठित

    Updated: Tue, 27 May 2025 05:47 PM (IST)

    सीबीआई ने विमल नेगी की मौत के मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। यह मामला नई दिल्ली में दर्ज किया गया है और इसमें भारतीय न्याय स ...और पढ़ें

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    विमल नेगी मौत मामले में सीबीआइ ने नई दिल्ली में किया मामला दर्ज

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी मौत मामले को लेकर सीबीआई एससी-1 नई दिल्ली में थाना न्यू शिमला के तहत दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों के आधार पर ही मामला दर्ज किया है।

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    इसमें प्रारंभिक तौर पर भारतीय न्यास संहिता की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने और 108 की ही 3(5) जिसमें कई व्यक्तियों द्वारा अपराध किया हो उसके तहत मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में थाना न्यून शिमला के तहत दर्ज एफआईआर और विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की शिकायत पर दर्ज किया है।

    सीबीआई ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जबकि जो आरोपी शामिल होंगे उन्हें शामिल किया जाता जाएगा। सीबीआई ने मामला दर्ज करने के साथ ही इस मामले की जांच को एसआइटी यानी विशेष जांच टीम का गठन कर दिया है। इसमें तीन पुलिस अधिकारियों की एसआइटी बनाई गई है।

    जिसमें मुख्य जांच अधिकारी सीबीआई के डीसीपी ब्रिजेंद्र प्रसाद सिंह, निरीक्षक प्रदीप कुमार और नीलेश सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा है। सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के साथ ही अब सीबीआई इस मामले में रिकार्ड के आधार पर जिन पर आरोप लगाए हैं उन अधिकारियों ऊर्जा निगम से निलंबित निदेशक देशराज, उज्र्जा निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, आईएएस शिवम प्रताप सिंह शामिल हैं।

    इसके अलावा एसआइटी में शामिल पुलिस अधिकारियों और कर्मियों और पेनड्राइव से डाटा डिलीट करने वाले एएसआइ पंकज के अलावा अन्यों से भी पूछाछ करेंगी। सहबहआइ की टीम जल्द ही बिलासपुर और शिमला में डेरा डाल जांच करेगी।

    प्राथमिकी के साथ ये लगाई है किरण नेगी की शिकायत

    किरण नेगी ने अपनी शिकायत में कहा है कि मेरे पति विमल नेगी को उर्जा निगम के उच्च अधिकारियों विशेष कर देशराज निदेशक (विद्युत) एवं प्रबंध निदेशक द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित व दुर्व्यवहार किया जा रहा था। उन्हें उक्त अधिकारियों द्वारा जानबूझकर रात रात को देर तक कार्य करने के लिए मज़बूर किया जा रहा था तथा बीमार होने पर भी चिकित्सा हेतु अवकाश नहीं दिया जा रहा था।

    बार-बार प्रशासनिक कार्रवाई की धमकी दी जा रही थी जिसके परिणामस्वरूप उन्होने अपनी जीवन लीला को समाप्त कर दिया है। इन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र एवं आत्महत्या को मजबूर करने हेतु आपराधिक मामला हेतु प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर शीघ्रातिशीघ्र सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

    कब-कब क्या हुआ?

    • 10 मार्च 2025 को विमल नेगी टैक्सी से बिलासपुर गए
    • 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर में बरामद हुआ। स्वजनों ने धरना दिया।
    • 18 मार्च को सरकार ने देसराज को निलंबित किया। एक को पद से हटाया।
    • 19 मार्च को शव का पोस्टमार्टम हुआ और थाना न्यू शिमला में मामला दर्ज किया गया। -साथ ही सरकार ने एक अधिकारी को निलंबित किया और एक को पद से हटाया।
    • 20 मार्च अतिरिक्त मुख्य सचिव गृि ओंकार शर्मा को जांच रिपोर्ट देने को कहा और एसआइटी का गठन।
    • 21 अप्रैल को पुलिस जांच से असंतुष्ट परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय पहुंचे।
    • 21 मई को प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच सौंपने की याचिका का फैसला सुरक्षित रखा।
    • 21 मई को डीजीपी की ओर से उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में शिमला पुलिस की एसआइटी की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
    • 23 मई को उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच सौंपने के आदेश पारित किए।